क्या गुजरात के वलसाड में ड्रग्स बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है? 22 करोड़ की ड्रग्स जब्त, 4 गिरफ्तार

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क्या गुजरात के वलसाड में ड्रग्स बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है? 22 करोड़ की ड्रग्स जब्त, 4 गिरफ्तार

सारांश

गुजरात के वलसाड में ड्रग्स निर्माण की एक अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें 22 करोड़ की ड्रग्स जब्त की गई हैं। चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई का नाम 'ऑपरेशन व्हाइट कौल्ड्रॉन' है। जानें इस मामले में और क्या जानकारी मिली है।

Key Takeaways

  • गुजरात के वलसाड में ड्रग्स की एक अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ।
  • डीआरआई ने 22 करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त की।
  • चार लोगों को गिरफ्तार किया गया।
  • तैयार अल्प्राजोलम तेलंगाना भेजा जाना था।
  • यह कार्रवाई 'ऑपरेशन व्हाइट कौल्ड्रॉन' के तहत की गई।

वलसाड, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने गुजरात के वलसाड जिले में एक अवैध ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। यह फैक्ट्री अल्प्राजोलम नामक मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावी ड्रग का उत्पादन कर रही थी। इस कार्रवाई का नाम 'ऑपरेशन व्हाइट कौल्ड्रॉन' रखा गया था।

डीआरआई ने इस फैक्ट्री से लगभग 22 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद की हैं और इस रैकेट में संलिप्त चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक फाइनेंसर, एक निर्माता और ड्रग्स का प्राप्तकर्ता शामिल हैं।

खुफिया सूचना के आधार पर, डीआरआई अधिकारियों ने गुजरात स्टेट हाईवे के पास स्थित एक सुनसान स्थान पर निगरानी शुरू की। कई दिनों की गुप्त निगरानी के बाद, 4 नवंबर को टीम ने त्वरित छापेमारी की। जांच के दौरान एक पूरी तरह से सुसज्जित अवैध ड्रग्स फैक्ट्री का खुलासा हुआ।

तलाशी के दौरान 9.55 किलोग्राम अल्प्राजोलम (तैयार रूप में), 104.15 किलोग्राम अल्प्राजोलम (अर्ध-तैयार रूप में), 431 किलोग्राम कच्चा माल जिसमें पी-नाइट्रोक्लोरोबेंजीन, फॉस्फोरस पेंटासल्फाइड, एथिल एसीटेट और हाइड्रोक्लोरिक एसिड जैसे प्रमुख रसायन शामिल हैं। इसके अलावा, पूर्ण औद्योगिक स्तर की प्रसंस्करण इकाई जिसमें रिएक्टर, सेंट्रीफ्यूज, औद्योगिक रेफ्रिजरेशन यूनिट और हीटिंग मेंटल भी बरामद किया गया।

डीआरआई ने छापेमारी में दो मुख्य आरोपियों, निर्माता और फाइनेंसर को गिरफ्तार किया है। इनके साथ उत्पादन में मदद कर रहा एक कर्मचारी और तेलंगाना से आया ड्रग्स का रिसीवर भी पकड़ा गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि तैयार अल्प्राजोलम को तेलंगाना भेजा जाना था, जहां इसे कथित रूप से ताड़ी में मिलाकर उपयोग किया जाना था।

गौरतलब है कि अगस्त में भी डीआरआई ने आंध्र प्रदेश के अच्युतपुरम (अनकापल्ली जिला) में एक इसी प्रकार की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था, जहां से 119.4 किलोग्राम अल्प्राज़ोलम जब्त किया गया था। वह खेप भी तेलंगाना भेजी जानी थी।

डीआरआई ने बताया कि साल 2025 में अब तक चार अवैध ड्रग्स निर्माण इकाइयों का पर्दाफाश किया जा चुका है। ये सभी खुफिया सूचना और तकनीकी निगरानी पर आधारित सटीक ऑपरेशनों का हिस्सा हैं। विभाग ने कहा कि यह कार्रवाई भारत सरकार के नशा मुक्त भारत अभियान को सशक्त बनाते हुए नागरिकों को मादक पदार्थों और मनोवैज्ञानिक दवाओं की बुराई से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

डीआरआई ने आगे कहा कि हमारा संकल्प है कि भारत को मादक पदार्थों से मुक्त किया जाए और ऐसे हर नेटवर्क को ध्वस्त किया जाए जो समाज को नशे की लत में धकेलने का प्रयास कर रहा है।

Point of View

बल्कि यह हमारे समाज को नशे की लत से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें ऐसे रैकेटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो युवा पीढ़ी को प्रभावित कर रहे हैं।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

गुजरात के वलसाड में ड्रग्स फैक्ट्री कब पकड़ी गई?
4 नवंबर को ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया।
इस ड्रग्स फैक्ट्री से कितनी ड्रग्स जब्त की गई?
फैक्ट्री से लगभग 22 करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त की गई।
इस मामले में कितने लोग गिरफ्तार किए गए?
इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
ड्रग्स का उपयोग किस प्रकार किया जाना था?
तैयार अल्प्राजोलम को तेलंगाना भेजा जाना था, जहां इसे ताड़ी में मिलाकर उपयोग किया जाना था।
डीआरआई ने इस कार्रवाई को किस नाम से जाना?
इस कार्रवाई का नाम 'ऑपरेशन व्हाइट कौल्ड्रॉन' रखा गया।