क्या लखपति दीदी पहल महिलाओं के नेतृत्व में विकास का प्रतीक है?

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क्या लखपति दीदी पहल महिलाओं के नेतृत्व में विकास का प्रतीक है?

सारांश

राजनांदगांव में लखपति दीदी सम्मेलन में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने महिलाओं की ताकत और आत्म-सम्मान का जिक्र किया। उन्होंने इस पहल को आर्थिक स्वतंत्रता का प्रतीक बताया, जहां लाखों महिलाएं अपने भविष्य को संवार रही हैं। क्या यह पहल वास्तव में महिलाओं के नेतृत्व में विकास का नया मार्ग प्रशस्त कर रही है?

Key Takeaways

  • महिलाओं की शक्ति का प्रतीक है लखपति दीदी पहल।
  • आर्थिक स्वतंत्रता के नए रास्ते खोलती है।
  • स्वरोजगार के अवसर प्रदान करती है।
  • स्थानीय लोकतंत्र को मजबूत बनाती है।
  • महिलाओं का आत्म-सम्मान बढ़ाती है।

राजनांदगांव, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में बुधवार को 'लखपति दीदी सम्मेलन' में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का उपस्थिति रही। उन्होंने इस सम्मेलन में लखपति दीदी पहल की प्रशंसा करते हुए इसे महिलाओं की शक्ति, आत्म-सम्मान और आर्थिक स्वतंत्रता का प्रतीक बताया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रामेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साई, विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और कई अन्य प्रमुख व्यक्ति भी मौजूद थे।

उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा कि यह पहल दिखाती है कि महिलाएं चुनौतियों को अवसर में बदल रही हैं और महिला नेतृत्व में विकास की एक मिसाल पेश कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो परिवार और देश की तरक्की भी होती है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की दीदियों की मेहनत और नेतृत्व क्षमता की सराहना की, जिन्होंने स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता के माध्यम से ग्रामीण जीवन और स्थानीय लोकतंत्र को मजबूत किया है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि लखपति दीदी केवल आमदनी का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसमें आत्मनिर्भरता, आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास का भाव है। उन्होंने देशभर में महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे हजारों स्वयं सहायता समूहों की भी प्रशंसा की, जो कठिन मेहनत, अनुशासन और एकजुटता के माध्यम से जीवन में बदलाव ला रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन करोड़ लखपति दीदियों का सपना महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।

छत्तीसगढ़ में इस पहल के तहत लगभग पांच लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूहों और आय-सृजन गतिविधियों के माध्यम से आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो चुकी हैं। राज्य सरकार और जिला प्रशासन, राजनांदगांव की सहायता से 9,663 एसएचजी में एक लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं और 700 करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त, महिला सम्मान योजना के तहत 13,000 करोड़ रुपए सीधे लाभार्थियों को दिए गए हैं।

उपराष्ट्रपति ने राजनांदगांव में महिलाओं के सशक्तिकरण की स्थिति की भी सराहना की। यहां 1,000 से अधिक महिलाएं पंचायत, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र केवल संसद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्राम सभा, पंचायत और स्वयं सहायता समूहों में भी जीवित है। इस पहल से स्थानीय लोकतंत्र मजबूत होता है, पारदर्शिता बढ़ती है और लोगों की भागीदारी सुनिश्चित होती है।

उन्होंने यह भी कहा कि आज महिलाएं केवल घर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि प्रशासनिक और आर्थिक क्षेत्र में भी आगे बढ़ रही हैं और आने वाले नेतृत्व के लिए प्रेरणा बन रही हैं। उन्होंने लखपति दीदियों के साहस और दृढ़ता की सराहना की और कहा कि जल्द ही वे करोड़पति दीदियों के रूप में सामने आएंगी।

छत्तीसगढ़ में पिछले वर्षों में काफी विकास देखा गया है। पहले यहां पानी, बिजली और आधारभूत सुविधाओं की कमी थी, लेकिन अब यह राज्य पूरे देश के लिए बिजली उत्पादन करता है और स्वास्थ्य सेवाओं में भी महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। उन्होंने नक्सल समस्या के समाधान में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, राज्य सरकार और सुरक्षा बलों के सहयोग की भी प्रशंसा की।

उपराष्ट्रपति ने महिलाओं की मेहनत और समर्पण को क्रिकेट टीम की हालिया विश्व कप जीत से जोड़ते हुए कहा कि महिलाओं का साहस और संघर्ष समाज और देश की प्रगति में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के गठन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दृष्टि को भी याद किया और गर्व व्यक्त किया कि उन्होंने सांसद के रूप में उस बिल का समर्थन किया था।

उपराष्ट्रपति ने नए पांच मंजिला उदयचल स्वास्थ्य एवं अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया और इसके दृष्टि और कार्य की सराहना की। उन्होंने नेत्र ज्योति अभियान, आयुष्मान भारत, आयुष्मान आरोग्य मंदिर जैसी स्वास्थ्य पहलों की भी तारीफ की, जो देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बना रही हैं।

इसके अलावा उपराष्ट्रपति ने नवा रायपुर में भारतीय वायु सेना की सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम की शानदार प्रदर्शनी भी देखी। इस प्रदर्शन ने उत्साह और देशभक्ति की भावना को बढ़ाया और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

Point of View

बल्कि यह समाज में आर्थिक विकास और सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा दे रही है। देश भर में महिलाओं के नेतृत्व में हो रहे बदलावों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि लखपति दीदी पहल जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

लखपति दीदी पहल क्या है?
यह पहल महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरित करती है।
इस पहल के तहत कितनी महिलाएं जुड़ी हैं?
छत्तीसगढ़ में करीब पांच लाख महिलाएं इस पहल से जुड़ चुकी हैं।
उपराष्ट्रपति ने इस पहल के बारे में क्या कहा?
उपराष्ट्रपति ने इसे महिलाओं की शक्ति और आत्म-सम्मान का प्रतीक बताया।
यह पहल कैसे महिलाओं को सशक्त बनाती है?
यह पहल महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक स्वतंत्रता और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करती है।
क्या यह पहल स्थानीय लोकतंत्र को मजबूत करने में मदद करती है?
हां, यह पहल स्थानीय लोकतंत्र को मजबूत करने और महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देती है।