क्या बैकुंठ चतुर्दशी मेला श्रीनगर में भव्य रूप से आयोजित किया जा रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- बैकुंठ चतुर्दशी मेला धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक है।
- यह मेला सामाजिक एकता का संदेश देता है।
- मेले में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है।
- स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने उत्कृष्ट व्यवस्थाएं की हैं।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इस मेले का हिस्सा हैं।
श्रीनगर (गढ़वाल), ५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक बैकुंठ चतुर्दशी मेला इस वर्ष श्रीनगर में शानदार ढंग से आयोजित किया जा रहा है।
नगर के वार्ड २९ की पार्षद पूजा किमोठी ने मेले के सफल आयोजन पर नगरवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह मेला श्रीनगर की पहचान और आस्था से जुड़ा हुआ उत्सव है, जो सामाजिक एकता, धार्मिक समरसता और सांस्कृतिक समृद्धि का संदेश देता है।
पार्षद किमोठी ने मेले की व्यवस्थाओं में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, नगर निगम के मेयर और उनकी पूरी टीम का विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मेले की तैयारियां उत्कृष्ट स्तर पर की गई हैं। साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था, यातायात नियंत्रण और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी विभागों ने सराहनीय कार्य किया है।
उन्होंने नगर के लोगों और श्रद्धालुओं से अपील की कि वे इस पारंपरिक मेले को सौहार्द और सहयोग की भावना से सफल बनाएं। किमोठी ने बताया कि बैकुंठ चतुर्दशी मेला हर वर्ष अलकनंदा नदी के तट पर स्थित प्राचीन मंदिरों और घाटों पर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, जहां हजारों श्रद्धालु भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर मनोकामना मांगते हैं।
मीडिया से बातचीत में पार्षद ने बताया कि बुधवार को मेले का दूसरा दिन है, और श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से मेले का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा कि यह नगर निगम बोर्ड का पहला मेला है और शासन-प्रशासन के साथ-साथ जनता का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है।
पार्षद पूजा किमोठी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि मेले में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो और इसका समापन सफलतापूर्वक किया जाए।
अलकनंदा तट पर पारंपरिक स्वरूप में सजाए गए इस मेले में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है, जिससे पूरा नगर भक्तिमय और उल्लासपूर्ण वातावरण में डूबा हुआ है।