क्या करूर भगदड़ की निष्पक्ष जांच के लिए टीवीके ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया?

सारांश
Key Takeaways
- करूर भगदड़ में 41 लोगों की जान गई।
- टीवीके ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
- मद्रास हाईकोर्ट ने एसआईटी का गठन किया।
- आयोजकों को सुरक्षा में असफलता पर फटकार।
- सीबीआई जांच की मांग उठी है।
नई दिल्ली/चेन्नई, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता-राजनेता विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) ने करूर भगदड़ की निष्पक्ष जांच की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इस घटना में 41 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 60 से अधिक लोग घायल हुए थे।
टीवीके ने याचिका दायर करते हुए इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने की मांग की है। मद्रास हाईकोर्ट पहले ही विशेष जांच टीम (एसआईटी) से मामले की जांच का आदेश दे चुका है, लेकिन पार्टी ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
इससे पूर्व, एक पीड़ित के परिजनों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
करूर भगदड़ मामले की जांच के लिए मद्रास हाईकोर्ट द्वारा एसआईटी का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व आईपीएस अधिकारी असरा गर्ग कर रहे हैं। इस टीम में नमक्कल की पुलिस अधीक्षक विमला और सीएससीआईडी पुलिस अधीक्षक श्यामला देवी भी शामिल हैं।
हाईकोर्ट ने विजय की रैली के आयोजकों को जनता और बच्चों की सुरक्षा में असफल रहने और घटना की जिम्मेदारी न लेने के लिए फटकार लगाई थी। अदालत ने कहा, "चाहे वे नेता हों या पार्टी कार्यकर्ता, इस घटना के बाद, जबकि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और सभी राजनीतिक दलों ने दुख व्यक्त किया, कार्यक्रम के आयोजक पूरी तरह से पीछे हट गए।"
एसआईटी का गठन करते हुए न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार ने करूर पुलिस को भगदड़ से संबंधित सभी दस्तावेज तुरंत जांच टीम को सौंपने का निर्देश दिया था।
फिलहाल, टीवीके की ओर से यह याचिका उस समय दायर की गई है, जब 10 अक्टूबर को सीबीआई जांच की मांग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई होनी है। पिछले सप्ताह, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने भाजपा नेता उमा आनंदन की ओर से सीबीआई जांच के लिए दायर याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी।