क्या कश्मीर में मौसम बिगड़ने के बीच प्रशासन ने ट्रैफिक एडवायजरी जारी की?
सारांश
Key Takeaways
- कश्मीर में मौसम बिगड़ने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने एडवायजरी जारी की है।
- टंगमार्ग-गुलमर्ग सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है।
- सुरक्षा के लिए यह कदम आवश्यक है, खासकर बर्फबारी के दौरान।
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कश्मीर में मौसम के बदलते मिजाज के चलते प्रशासन ने सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं। हालिया मौसम पूर्वानुमान में बारिश और बर्फबारी की सम्भावना व्यक्त की गई है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, एसडीएम गुलमर्ग ने शनिवार को टंगमार्ग-गुलमर्ग सड़क को लेकर ट्रैफिक एडवायजरी जारी की है। इस एडवायजरी के तहत भारी वाहनों और बिना एंटी-स्किड चेन वाले वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
प्रशासन का कहना है कि यह प्रतिबंध सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है ताकि फिसलन भरी सड़कों पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। खराब मौसम के कारण सड़क पर फिसलन और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है; इसलिए ड्राइवरों और वाहन मालिकों से अनुरोध किया गया है कि वे इस एडवायजरी का गंभीरता से पालन करें और जोखिम भरी यात्रा से बचें। प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि इस आदेश की अवहेलना को गंभीरता से लिया जाएगा और लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एडवायजरी का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए तहसीलदार टंगमार्ग, एसएचओ टंगमार्ग और एसएचओ गुलमर्ग को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
गुलमर्ग एसडीएम की ओर से जारी एडवायजरी में बताया गया है कि बारिश और बर्फबारी की संभावना के मद्देनजर यह आदेश दिया गया है कि भारी वाहनों और बिना एंटी-स्किड चेन वाले वाहनों को तांगमर्ग-गुलमर्ग सड़क और इसके विपरीत चलने की अनुमति नहीं होगी। यह प्रतिबंध बारिश/बर्फबारी शुरू होने पर लागू होगा और सार्वजनिक सुरक्षा के हित में अगले आदेश तक बना रहेगा।
एडवायजरी में आगे कहा गया कि हम सभी ड्राइवरों और वाहन मालिकों से अनुरोध करते हैं कि वे खराब मौसम के कारण किसी भी दुर्घटना या असुविधा को रोकने के लिए इस सलाह का सख्ती से पालन करें। इस सलाह की किसी भी लापरवाही या पालन न करने पर सख्ती से निपटा जाएगा। तहसीलदार तांगमर्ग और एसएचओ पीएस तांगमर्ग/गुलमर्ग इस एडवायजरी का पालन सुनिश्चित करेंगे।
बता दें कि बर्फबारी के दौरान गुलमर्ग सड़क मार्ग पर फिसलन, वाहन फंसने और हादसों की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। ऐसे में प्रशासन की ओर से यह कदम स्थानीय लोगों, पर्यटकों और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।