क्या जम्मू-कश्मीर में कठुआ में ड्रग तस्कर मोहम्मद असलम की 86 लाख रुपए की संपत्ति कुर्क की गई?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- कठुआ पुलिस ने ड्रग तस्कर की संपत्ति कुर्क की।
- यह कार्रवाई एनडीपीएस अधिनियम के तहत की गई है।
- मोहम्मद असलम कई मामलों में आरोपी हैं।
- पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति नशे के खिलाफ है।
- अंतरराज्यीय नारकोटिक्स नेटवर्क का हिस्सा हैं।
कठुआ, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कठुआ में मादक पदार्थों के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। पुलिस ने ड्रग तस्कर मोहम्मद असलम की लगभग 86 लाख रुपए की संपत्ति कुर्क कर दी है। इसमें एक दो मंजिला आवासीय भवन, एक ट्रैक्टर-ट्रॉली और एक महिंद्रा पिकअप शामिल हैं।
गहन वित्तीय जांच के बाद इन संपत्तियों को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटैंसेस (एनडीपीएस) अधिनियम की धारा 68(एफ)(2) के तहत कुर्क किया गया।
जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि आरोपी ने अपनी वैध आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की थी, जो नशीले पदार्थों की तस्करी के माध्यम से प्राप्त धन से खरीदी गई थी। मोहम्मद असलम वर्तमान में कई मामलों में आरोपी हैं, जो सभी एनडीपीएस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज हैं। आरोपी मोहम्मद असलम एक अंतरराज्यीय नारकोटिक्स नेटवर्क से जुड़ा हुआ है और वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
यह कार्रवाई एसएसपी कठुआ मोहिता शर्मा की देखरेख में और एसपी ऑपरेशन मुकुंद टिबरेवाल तथा एसडीपीओ बॉर्डर धीरज कटोच के निर्देशन में की गई। अभियान का नेतृत्व एसएचओ राजबाग इंस्पेक्टर अजय सिंह चिब ने किया।
पुलिस ने कहा कि यह कुर्की उन अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि ड्रग तस्करी पर कठुआ पुलिस जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्रवाई उन सभी के लिए चेतावनी है जो समाज को नशे के जाल में फंसाने की साजिश कर रहे हैं। जो भी लोग इस तरह के कार्यों में लिप्त हैं, कानून उन्हें किसी भी हाल में नहीं बख्शेगा।
16 अक्टूबर को भी जम्मू-कश्मीर के रियासी के माहौर क्षेत्र में पाकिस्तान से जुड़े एक आतंकवादी की संपत्ति कुर्क की गई थी। एसएसपी परमवीर सिंह की देखरेख में जिला पुलिस रियासी ने मोहम्मद शरीफ मिरासी, जो मूल रूप से सिलधर माहौर का निवासी है, की संपत्ति जब्त कर ली थी।
पुलिस के अनुसार, शरीफ मिरासी 2000 में आतंकवादी संगठनों में शामिल हुआ था और 2010 में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के उद्देश्य से हथियार, गोला-बारूद और प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान भाग गया था। शुरुआत में वह हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़ा, लेकिन बाद में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ गया और सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने लगा था।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            