रफीगंज सीट बिहार चुनाव में क्यों है महत्वपूर्ण? राजनीतिक दलों ने क्यों झोंकी ताकत?

Click to start listening
रफीगंज सीट बिहार चुनाव में क्यों है महत्वपूर्ण? राजनीतिक दलों ने क्यों झोंकी ताकत?

सारांश

क्या रफीगंज सीट बिहार चुनाव में महत्वपूर्ण है? जानिए यहां की राजनीतिक स्थिति और मुख्य मुद्दे।

Key Takeaways

  • रफीगंज विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी।
  • यह क्षेत्र बेरोजगारी और पलायन जैसी समस्याओं से जूझ रहा है।
  • 2020 चुनाव में राजद ने महत्वपूर्ण जीत हासिल की थी।

पटना, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। रफीगंज विधानसभा क्षेत्र बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज नगर में स्थित है। यह नगर 19वीं सदी में एक जमींदार रफीउद्दीन अहमद द्वारा स्थापित किया गया था।

रफीउद्दीन ने धवा नदी के किनारे बसी इस बस्ती को अनाज के गोदाम के रूप में विकसित किया और इसे एक व्यापारिक केंद्र में बदल दिया।

भारतीय रेलवे के दस्तावेजों में इस नगर का उल्लेख रफी का गंज के नाम से किया गया है, और 1892 तक इसे पूरी तरह से रफीगंज के नाम से जाना जाने लगा। चुनाव आयोग द्वारा 2024 में जारी आंकड़ों के अनुसार, इस प्रखण्ड का क्षेत्रफल 387.58 वर्ग किमी है और रफीगंज की कुल जनसंख्या 576805 है, जिसमें 303076 पुरुष और 273729 महिलाएं शामिल हैं।

रफीगंज विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी। यह औरंगाबाद लोकसभा सीट के छह खंडों में से एक है। स्थापना के बाद से 17 विधानसभा चुनावों में यहां कांग्रेस ने 6 बार, राजद और जेडीयू ने तीन-तीन बार जीत हासिल की है, जबकि जनता पार्टी ने दो बार और स्वतंत्र पार्टी, सीपीआई और भारतीय जन संघ ने एक-एक बार जीत दर्ज की है।

बिहार निर्वाचन आयोग के अनुसार, रफीगंज में कुल मतदाताओं की संख्या 339817 है, जिसमें 178329 पुरुष मतदाता और 161488 महिला मतदाता हैं। विधानसभा क्षेत्र में थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या शून्य है। यहां मतदाताओं का अनुपात 0.59 है।

2020 में राजद के मोहम्मद निहालुद्दीन ने लोजपा-समर्थित निर्दलीय प्रमोद कुमार सिंह को लगभग साढ़े नौ हजार वोट से हराया। जेडीयू के पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह आधे मतों पर सिमट गए। 2024 लोकसभा में भी रफीगंज विधानसभा खंड पर राजद ने भाजपा पर 19 हजार से अधिक वोट की बढ़त बनाई।

रफीगंज विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्याएं बेरोजगारी और पलायन हैं। इसके अलावा सड़क, बिजली, पानी, कृषि-सिंचाई, शिक्षा और स्वास्थ्य भी प्रमुख मुद्दे हैं। इस सीट से जदयू के प्रमोद कुमार सिंह का मुकाबला राजद के डॉ. गुलाम शाहिद से है।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे राजनीतिक दल अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए यहां संघर्ष कर रहे हैं।
NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

रफीगंज विधानसभा क्षेत्र की स्थापना कब हुई?
रफीगंज विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई।
रफीगंज क्षेत्र में कुल मतदाता कितने हैं?
रफीगंज में कुल मतदाताओं की संख्या 339817 है।
राजद ने 2020 में किसे हराया?
राजद के मोहम्मद निहालुद्दीन ने लोजपा-समर्थित निर्दलीय प्रमोद कुमार सिंह को हराया।