क्या कांवड़ यात्रा और मोहर्रम पर शासनादेश का पालन हो रहा है? : मौलाना तौकीर रजा खान

सारांश
Key Takeaways
- कांवड़ यात्रा और मोहर्रम की तैयारियों पर प्रशासन सजग है।
- जबरदस्ती दस्तखत कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
- कानून सभी के लिए समान है।
- नई परंपरा स्थापित नहीं होने दी जाएगी।
- धार्मिक सहिष्णुता बनाए रखने की आवश्यकता है।
बरेली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा और मोहर्रम को लेकर शासन प्रशासन पूरी तरह से सजग है। योगी सरकार ने समाज में शांति बनाए रखने और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस बीच, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में मोहर्रम और कांवड़ यात्रा पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की।
मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा कि मोहर्रम और कांवड़ यात्रा पर शासनादेश का पूरी तरह से पालन होना चाहिए, लेकिन एक ओर इसका पालन किया जा रहा है, तो दूसरी ओर ऐसा नहीं है। कई स्थानों से उन्हें शिकायतें मिली हैं कि लोगों पर जबरदस्ती दबाव डाला जा रहा है और उनसे जबरदस्ती दस्तखत करवाए जा रहे हैं। पुलिस का आतंक फैला हुआ है। कहा जा रहा है कि अगर आप दस्तखत नहीं करेंगे, तो क्या आप बरेली को संभल बनाना चाहते हैं?
उन्होंने कहा कि यदि किसी के ऊपर दबाव डालकर जबरदस्ती दस्तखत कराए जाते हैं, तो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ शासन को कार्रवाई करनी चाहिए, जो कांवड़ यात्रा और मोहर्रम में नई परंपरा स्थापित करने का प्रयास करते हैं और सरकार के आदेशों का उल्लंघन करते हैं। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करना बेहद आवश्यक है।
मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा कि कानून किसी एक के लिए नहीं है। कानून सभी के लिए समान है। शासनादेश जारी हुआ है। नई परंपरा स्थापित नहीं होने दी जाएगी, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान। यदि नई परंपरा स्थापित करने में पुलिस या शासन का सहयोग होता है, तो ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि 11 जुलाई से 9 अगस्त तक हिंदू श्रावण मास मनाया जाएगा। इस दौरान कांवड़ यात्रा, श्रावणी शिवरात्रि, नाग पंचमी और रक्षा बंधन के त्योहार मनाए जाएंगे। साथ ही इस बीच मुहर्रम होने की भी संभावना है।