क्या केजरीवाल ने सुदर्शन रेड्डी के समर्थन की अपील की?

सारांश
Key Takeaways
- अरविंद केजरीवाल ने सुदर्शन रेड्डी के समर्थन की अपील की।
- रेड्डी की उम्मीदवारी को आम आदमी पार्टी का समर्थन प्राप्त है।
- सभी राजनीतिक दलों को देशहित में एकजुट होने की आवश्यकता है।
- उपराष्ट्रपति पद का चुनाव सीक्रेट बैलेट द्वारा होता है।
- सुदर्शन रेड्डी ने राजनीतिक दायित्व से ऊपर उठकर अपनी उम्मीदवारी स्वीकार की है।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को 'इंडिया अलायंस' के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने रेड्डी की जीत की आशा व्यक्त की। केजरीवाल ने कहा कि रेड्डी ने मुझसे मुलाकात की और हमने देश की वर्तमान स्थिति पर गहन चर्चा की।
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा, "बी. सुदर्शन रेड्डी ने विपक्षी दलों के समर्थन से उपराष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत की है। रेड्डी की उम्मीदवारी को आम आदमी पार्टी का समर्थन भी प्राप्त है। हमारे दल के संजय सिंह उनके नामांकन के समय मौजूद थे। रेड्डी ने मुझसे मुलाकात की और हमने देश की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की।"
उन्होंने आगे कहा, "हम सब मिलकर रेड्डी की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। मैं यह बताना चाहता हूं कि इस चुनाव में सीक्रेट बैलेट होता है और यहाँ कोई व्हिप नहीं होता है। जज रहते हुए सुदर्शन रेड्डी ने देश और न्याय के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। यदि उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद पर रेड्डी जैसे व्यक्ति की चयनित होते हैं, तो उस कुर्सी का मान-सम्मान और भी बढ़ेगा। मैं सभी दलों से निवेदन करता हूं कि रेड्डी कोई पार्टी के उम्मीदवार नहीं हैं, बल्कि देश के उम्मीदवार हैं। सभी पार्टियों के लोग देशहित में उन्हें वोट दें, ताकि देश को निष्पक्ष उपराष्ट्रपति मिल सके। मैं उन्हें बधाई देता हूं।"
'इंडिया अलायंस' के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मेरी उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए अपने प्रतिनिधि संजय सिंह को बैठक में भेजा था। मैं उनके समर्थन के लिए बहुत आभारी हूं और अपना आभार व्यक्त करने के लिए उनके पास आया हूं।"
उन्होंने कहा, "मैं सभी को यह बताना चाहता हूं कि मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और उपराष्ट्रपति का कार्य कोई राजनीतिक कार्य नहीं है। यह एक उच्च संवैधानिक दायित्व है, जो स्वतंत्र, स्वायत्त और निष्पक्ष होना चाहिए। ये सभी एक न्यायाधीश के गुण हैं और इसलिए मैंने यह उम्मीदवारी स्वीकार की है।"