क्या केंद्र ने असम और त्रिपुरा में कमजोर वर्गों के विकास के लिए 4,250 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी दी?

सारांश
Key Takeaways
- 4,250 करोड़ रुपए का पैकेज असम और त्रिपुरा के लिए है।
- जनजातीय समुदायों के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा।
- केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच सहयोग को दर्शाता है।
- शांति और विकास की दिशा में एक नया कदम है।
- लाखों लोगों को लाभान्वित करेगा।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को असम और त्रिपुरा के लिए मौजूदा विशेष विकास पैकेज (एसडीपी) योजना के अंतर्गत 4,250 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ चार नए घटकों को स्वीकृति दी है।
पहला घटक, भारत सरकार और असम सरकार के बीच असम के जनजातीय समूहों के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओएस) के अनुसार, राज्य के जनजाति बहुल गांवों/क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान है। दूसरा घटक असम के दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए)/दिमासा पीपुल्स सुप्रीम काउंसिल (डीपीएसी) समूहों के साथ समझौता ज्ञापन के अनुसार, राज्य के दिमासा जनजातियों के गावों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 500 करोड़ रुपए का है।
तीसरे घटक में, भारत सरकार और असम सरकार द्वारा असम के उल्फा समूहों के साथ समझौता ज्ञापन के अनुसार, राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपए का प्रावधान है। चौथे घटक में, भारत सरकार और त्रिपुरा सरकार द्वारा त्रिपुरा के नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) एवं ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) समूहों के साथ समझौता ज्ञापन के अनुसार, त्रिपुरा के जनजातियों के विकास के लिए 250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इन चार नए घटकों का कुल परिव्यय 7,250 करोड़ रुपए होगा, जिसमें से 4,250 करोड़ रुपए असम (4000 करोड़ रुपए) और त्रिपुरा (250 करोड़ रुपए) के लिए विशेष विकास पैकेजों के अंतर्गत प्रदान किए जाएंगे। शेष 3,000 करोड़ रुपए असम राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से उपलब्ध कराए जाएंगे।
इन पैकेजों के माध्यम से, असम के जनजाति और दिमासा समुदायों, असम के अन्य जिलों में रहने वाले लोगों और त्रिपुरा के जनजाति समुदायों के लाखों लोग लाभान्वित होंगे।
यह विशेष विकास पैकेजों की चल रही केंद्रीय क्षेत्र योजना के अंतर्गत एक नई पहल है। पिछले समझौता ज्ञापन-आधारित पैकेजों ने, जैसे कि बोडो और कार्बी समूहों के लिए, शांति स्थापना और विकास में सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित किए हैं।