क्या केंद्र ने ई-बसों, ट्रकों और एम्बुलेंस के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना को 2 साल के लिए बढ़ाया?

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क्या केंद्र ने ई-बसों, ट्रकों और एम्बुलेंस के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना को 2 साल के लिए बढ़ाया?

सारांश

केंद्र सरकार ने पीएम ई-ड्राइव योजना को बढ़ाकर मार्च 2028 तक करने का निर्णय लिया है। योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और कार्बन उत्सर्जन को कम करना है। जानिए इस योजना से क्या बदलाव आएंगे और इसका प्रभाव क्या होगा।

Key Takeaways

  • पीएम ई-ड्राइव योजना का विस्तार मार्च 2028 तक किया गया है।
  • इस योजना के लिए फंड आवंटन 10,900 करोड़ रुपए है।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन मार्च 2026 तक उपलब्ध हैं।
  • यह योजना कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगी।
  • इससे 5,600 ई-ट्रकों की तैनाती की उम्मीद है।

नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक बसों, एम्बुलेंस और ट्रकों के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना को दो साल के लिए बढ़ाकर मार्च 2028 कर दिया है।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी एक राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, यह योजना अब मार्च 2026 के बजाय मार्च 2028 में समाप्त होगी।

अधिसूचना के अनुसार, इस योजना के लिए फंड आवंटन 10,900 करोड़ रुपए पर बरकरार रखा गया है और योजना के तहत कोई अतिरिक्त आवंटन नहीं किया जाएगा।

अधिसूचना के अनुसार, इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन मार्च 2026 तक समाप्त हो जाएंगे।

पीएम ई-ड्राइव योजना, देश भर में लगभग 5,600 ई-ट्रकों को इलेक्ट्रिक ट्रकों में बदलने के लिए 9.6 लाख रुपए तक के प्रोत्साहन के साथ कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद करती है।

पिछले महीने, सरकार ने पीएम ई-ड्राइव पहल के तहत इलेक्ट्रिक ट्रकों (ई-ट्रकों) के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु एक अभूतपूर्व योजना शुरू की, जिसमें अधिकतम प्रोत्साहन राशि 9.6 लाख रुपए प्रति वाहन निर्धारित की गई है। यह पहली बार है जब सरकार इलेक्ट्रिक ट्रकों को प्रत्यक्ष सहायता प्रदान कर रही है, जिसका उद्देश्य देश में क्लीन, कुशल और सस्टेनेबल फ्रेट मोबिलिटी की ओर ट्रांजिशन को गति प्रदान करना है।

इस योजना से देश भर में लगभग 5,600 ई-ट्रकों की तैनाती को समर्थन मिलने की उम्मीद है।

केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के अनुसार, डीजल ट्रक, कुल वाहन संख्या का केवल 3 प्रतिशत होने के बावजूद, परिवहन से संबंधित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 42 प्रतिशत का योगदान करते हैं और वायु प्रदूषण को काफी बढ़ा देते हैं।

इस योजना के तहत, केंद्रीय मोटर वाहन नियमों (सीएमवीआर) के तहत परिभाषित एन2 और एन3 श्रेणी के इलेक्ट्रिक ट्रकों पर भी मांग प्रोत्साहन लागू किया जाएगा।

एन2 श्रेणी में 3.5 टन से अधिक और 12 टन तक के ग्रॉस व्हीकल वेट (जीवीडब्ल्यू) वाले ट्रक शामिल हैं।

एन3 श्रेणी में 12 टन से अधिक और 55 टन तक के जीवीडब्ल्यू वाले ट्रक शामिल हैं।

आर्टिकुलेटेड वाहनों के मामले में, प्रोत्साहन केवल एन3 श्रेणी के पुलर ट्रैक्टर पर लागू होंगे।

ये प्रोत्साहन खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में दिए जाएंगे और पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर पीएम ई-ड्राइव पोर्टल के माध्यम से ओईएम को प्रतिपूर्ति की जाएगी।

Point of View

बल्कि आर्थिक विकास में भी योगदान देगा।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

पीएम ई-ड्राइव योजना क्या है?
यह योजना इलेक्ट्रिक बसों, एम्बुलेंस और ट्रकों के लिए प्रोत्साहनों की पेशकश करती है, ताकि कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके।
इस योजना में कितने पैसे का आवंटन किया गया है?
इस योजना के लिए कुल आवंटन 10,900 करोड़ रुपए है।
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन कब तक है?
इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन मार्च 2026 तक उपलब्ध हैं।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और कार्बन उत्सर्जन को कम करना है।
कितने ई-ट्रकों की तैनाती की उम्मीद की जा रही है?
इस योजना से लगभग 5,600 ई-ट्रकों की तैनाती की उम्मीद है।