क्या केंद्र सरकार की योजनाओं ने लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने में मदद की?

सारांश
Key Takeaways
- 95 करोड़ लोग सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।
- गरीबी रेखा से ऊपर आने की दिशा में योजनाएँ सहायक हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी की योजनाएँ गरीबों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- सामाजिक सुरक्षा का लाभ लोगों तक पहुँचाना सरकार की प्राथमिकता है।
- विपक्ष की राजनीति विमर्श से भागने की है।
नई दिल्ली, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के दौरान बताया कि देश के लगभग 95 करोड़ लोग किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ रहे हैं।
आर.पी. सिंह ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "देश के 95 करोड़ लोगों का किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आना एक बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री मोदी की गरीबों के लिए जो स्कीम है, इसका यही लाभ है। चाहे यह 'उज्ज्वला योजना' हो या 'आयुष्मान भारत योजना' या फिर आवास की बात, जिसमें चार करोड़ लोगों को मिल चुका है और तीन करोड़ लोगों के लिए योजना आ चुकी है, या किसान सम्मान निधि, नल से जल, जनधन खाता, इन सभी को मिलाकर पिछले 11 साल में जो योजनाएँ चली हैं, उनके चलते लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके हैं।"
संघ के सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के संविधान पर दिए हालिया बयान पर हो रहे विवाद पर आर.पी. सिंह ने कहा, "राहुल गांधी को शायद प्रधानमंत्री मोदी का वह बयान याद नहीं, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि अगर भीमराव अंबेडकर भी आए, तो भी वह संविधान में कुछ बदलाव नहीं कर सकते। विपक्ष को राजनीति करनी है और विमर्श से भागना है। वहीं, होसबोले ने भी विमर्श की बात कही न कि संविधान के बदलने की।"
कोलकाता गैंगरेप मामले में तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा के विवादित बयान पर आर.पी. सिंह ने कहा, "मदन मित्रा अपनी सरकार की विफलता को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। वह यह नहीं बता पा रहे कि पश्चिम बंगाल में आज अपराधियों के मन से कानून का डर हट गया है। यही कारण है कि वहां बलात्कार के मामले बार-बार हो रहे हैं।"