क्या केरल पीएफआई श्रीनिवासन हत्याकांड में एनआईए ने मुख्य हमलावर पर चार्जशीट दाखिल की?

सारांश
Key Takeaways
- शमनाद ईके पर एनआईए ने चार्जशीट दाखिल की।
- यह मामला पीएफआई से जुड़ा है।
- श्रमणाद पिछले तीन वर्षों से फरार था।
- एनआईए अन्य आरोपियों की खोज में है।
- हत्याकांड का उद्देश्य भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करना था।
नई दिल्ली, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने केरल के पलक्कड़ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के श्रीनिवासन हत्या के प्रमुख आरोपी शमनाद ईके के खिलाफ चार्जशीट प्रस्तुत की है। यह मामला देश में प्रतिबंधित पीएफआई से संबंधित एक गंभीर आपराधिक प्रकरण से जुड़ा हुआ है।
शमनाद ईके उर्फ शम्नाद एलिक्कल पर भारतीय दंड संहिता और अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। यह सहायक चार्जशीट एनआईए की विशेष अदालत, एर्नाकुलम (केरल) में पेश की गई है।
शमनाद, जो पिछले तीन वर्षों से फरार था, अप्रैल 2025 में एनआईए की लंबी खोजबीन के बाद गिरफ्तार किया गया। एनआईए अब भी इस मामले में अन्य फरार आरोपियों की खोज कर रही है।
यह मामला 2022 में पलक्कड़ में पीएफआई के सशस्त्र सदस्यों द्वारा श्रीनिवासन की बर्बरता से हत्या के संबंध में है। अब तक कुल 71 आरोपियों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें शमनाद का क्रमांक 65 है।
गिरफ्तारी से पहले शम्नाद पर 7 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। एनआईए के अनुसार, वह प्रतिबंधित पीएफआई के आतंकवादी संगठन का प्रशिक्षित सदस्य था और संगठन की 'सर्विस विंग' का हिस्सा था, जो आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करती थी।
एनआईए की जांच में यह भी सामने आया है कि हत्या के पूर्व शमनाद ने मलप्पुरम जिले के कई पीएफआई केंद्रों में हथियार और शारीरिक प्रशिक्षण प्राप्त किया था। इनमें रंडथानी का मलबार हाउस, मंजरि का ग्रीन वैली और अचिपिलक्कल में पीएफआई कार्यालय शामिल हैं।
एनआईए के अनुसार, श्रीनिवासन की हत्या पीएफआई की उस साजिश का हिस्सा थी जिसका उद्देश्य भारत में 2047 तक इस्लामिक शासन स्थापित करना था। इस कुटिल योजना के तहत पीएफआई ने आतंक फैलाने के लिए कई हिंसक कृत्य किए।
एनआईए इस मामले में सख्ती से जांच कर रही है और सभी आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। अधिकारियों ने जनता से भी अपील की है कि यदि किसी के पास इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी हो तो वह एनआईए के समक्ष प्रस्तुत करें।