क्या केरल का खूंखार अपराधी गोविंदाचामी कन्नूर सेंट्रल जेल से भाग गया?

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क्या केरल का खूंखार अपराधी गोविंदाचामी कन्नूर सेंट्रल जेल से भाग गया?

सारांश

केरल के कन्नूर सेंट्रल जेल से खूंखार अपराधी गोविंदाचामी के भागने की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। क्या यह एक साजिश है? जानिए इस मामले की गहराई।

Key Takeaways

  • गोविंदाचामी का जेल से भागना सुरक्षा व्यवस्था की चूक को दर्शाता है।
  • पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की है और मौके पर नाकेबंदी की है।
  • जेल में सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा की जानी चाहिए।

कन्नूर, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केरल का कुख्यात अपराधी गोविंदाचामी शुक्रवार को उच्च सुरक्षा वाली कन्नूर सेंट्रल जेल से फरार हो गया। इस घटना की जानकारी सुबह ५ बजे हुई, जब जेल अधिकारियों ने गोविंदाचामी को अपनी कोठरी में नहीं पाया। दो घंटे बाद स्थानीय कन्नूर पुलिस को सूचना दी गई, और अब पुलिस ने अपराधी को पकड़ने के लिए एक व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

जेल प्रशासन के अनुसार, गोविंदाचामी के भागने के समय जेल परिसर में बिजली गुल थी। सुबह जब जेल की जांच की गई, तो २५ फीट ऊंची दीवार पर कपड़े से बनी एक रस्सी लटकती मिली। यह देखकर लोग हैरान हैं कि एक हाथ वाला व्यक्ति इस ऊंची दीवार को कैसे पार कर सकता है। कन्नूर जेल में ६८ कोठरियां हैं और इसे विशेष उच्च सुरक्षा क्षेत्र माना जाता है, फिर भी यह खूंखार अपराधी भागने में सफल रहा।

पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने इस घटना को साजिश करार दिया और कहा, "गोविंदाचामी को जेल से भागने में मदद की गई। कन्नूर जेल का संचालन एक समिति करती है, जिसमें माकपा के शीर्ष नेता पी. जयराजन शामिल हैं। यह एकतरफा साजिश का नतीजा है।"

वहीं, सौम्या की मां ने भी जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, "सीसीटीवी और उच्च सुरक्षा प्रोटोकॉल वाली जेल से ऐसा कैसे हो सकता है? निश्चित रूप से उसे किसी की मदद मिली है।"

गोविंदाचामी को २०११ में एक जघन्य अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था। उसने १ फरवरी २०११ को शोरानूर की २३ वर्षीय सौम्या के साथ एर्नाकुलम-शोरानूर पैसेंजर ट्रेन में लूटपाट की, उसके साथ दुष्कर्म किया, और उसे ट्रेन से धक्का दे दिया था। सौम्या का शव रेलवे ट्रैक के पास मिला था। गोविंदाचामी को तमिलनाडु में भी आठ आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया जा चुका था।

२०१२ में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गोविंदाचामी को आदतन अपराधी मानते हुए मौत की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने अपराध को बर्बर और समाज को झकझोरने वाला बताया था। २०१३ में केरल हाईकोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखा। हालांकि, २०१६ में सुप्रीम कोर्ट ने हत्या का आरोप हटाते हुए मौत की सजा को सात साल की कैद में बदल दिया, लेकिन उम्रकैद की सजा बरकरार रखी।

कन्नूर पुलिस और राज्य पुलिस प्रमुख रेवाड़ा चंद्रशेखर इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। २०११ में गोविंदाचामी को पकड़ने वाले पुलिसकर्मी अशरफ ने कहा, "मुझे हमेशा डर था कि यह आदतन अपराधी जेल से भाग सकता है।" पुलिस ने पूरे क्षेत्र में नाकेबंदी कर दी है और अपराधी को जल्द पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

Point of View

बल्कि यह दर्शाता है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल कितने प्रभावी हैं। हमें इस मामले में एक निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

गोविंदाचामी किस अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था?
गोविंदाचामी को 2011 में सौम्या के साथ दुष्कर्म और हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था।
इसे पकड़ने के लिए पुलिस ने क्या कदम उठाए हैं?
पुलिस ने पूरे क्षेत्र में नाकेबंदी कर दी है और एक व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है।
जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं?
जेल से भागने के दौरान बिजली गुल थी और एक रस्सी भी मिली, जो सुरक्षा में चूक को दर्शाती है।