क्या खजुराहो मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर कांग्रेस का कहना सही है?

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप से मना किया।
- कांग्रेस ने कानूनी हस्तक्षेप को अनुचित बताया।
- मंदिर न्यास को कार्य संचालन का अधिकार होना चाहिए।
- पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाए गए।
- सामाजिक कार्यों में समाज की भूमिका महत्वपूर्ण है।
लखनऊ, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने खजुराहो के जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की टूट चुकी मूर्ति को पुनर्स्थापित करने की याचिका पर हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों पर कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि धार्मिक मामलों में कानूनी हस्तक्षेप उचित नहीं है।
सुरेंद्र राजपूत ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा, "सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में कानूनी हस्तक्षेप सही नहीं है। ये सभी कार्य धार्मिक और सामाजिक हैं और इन सभी में समाज, धर्म और आध्यात्मिक लोग शामिल होने चाहिए। मंदिर ट्रस्ट या मंदिर न्यास को इन कामों का संचालन करना चाहिए। यदि कोई वस्तु क्षतिग्रस्त है, तो उसे चढ़ावे या जन सहयोग से ठीक किया जाना चाहिए। हर चीज में कानून का हस्तक्षेप उचित नहीं है।"
बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के बरेली स्थित पैतृक आवास पर फायरिंग करने वाले आरोपी को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। सुरेंद्र राजपूत ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए और कहा, "एनकाउंटर होना और एनकाउंटर करना हमेशा एक नहीं होता। यदि एनकाउंटर हुआ है तो पुलिस ने विधि-सम्मत कार्य किया है, लेकिन यदि पुलिस एनकाउंटर कर रही है तो वे भी अपराधियों के समान व्यवहार कर रहे हैं। पुलिस का काम अपराधियों को अदालत में पेश करना है, न कि उन्हें मारना।"
बिहार कांग्रेस के एआई जनरेटेड वीडियो पर सुरेंद्र राजपूत ने कहा, "हमने पटना हाई कोर्ट के निर्देश का पालन किया है और उस वीडियो को हटा दिया है, लेकिन भाजपा की असम इकाई ने हिंदू-मुस्लिम के बीच जहर फैलाने वाला एक एआई वीडियो साझा किया है, जिसे अब तक नहीं हटाया गया है। मैं पूछता हूं कि क्या कोर्ट इसका भी संज्ञान लेगा? असम भाजपा ने देशद्रोही वीडियो बनाया है, जिससे समाज में संघर्ष भड़क सकता है।"
तमिलनाडु कांग्रेस नेता केएस अलागिरी ने कंगना रनौत के विरोध का ऐलान किया है, जिसका समर्थन कांग्रेस ने किया है। उन्होंने कहा, "कंगना रनौत का व्यवहार हमेशा विवादास्पद रहा है। सीआईएसएफ की महिला कांस्टेबल के प्रति उनका अनुचित व्यवहार सभी के सामने है। हम चाहते हैं कि कंगना अपने व्यवहार में बदलाव लाएं।"