क्या खालिदा जिया का निधन भारत-बांग्लादेश संबंधों के लिए एक बड़ी क्षति है?

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क्या खालिदा जिया का निधन भारत-बांग्लादेश संबंधों के लिए एक बड़ी क्षति है?

सारांश

खालिदा जिया का निधन बांग्लादेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है। रक्षा विशेषज्ञ संजीव श्रीवास्तव ने उनके कार्यकाल में भारत और बांग्लादेश के संबंधों की प्रगति पर प्रकाश डाला है। क्या इस घटना का प्रभाव आगे भी जारी रहेगा? जानें इस लेख में।

Key Takeaways

  • खालिदा जिया का निधन बांग्लादेश की राजनीति के लिए एक बड़ा क्षति है।
  • उनके कार्यकाल में भारत-बांग्लादेश संबंधों में काफी प्रगति हुई।
  • भारत ने उनकी बीमारी के दौरान हर संभव मेडिकल मदद प्रदान की।
  • बीएनपी ने उनके योगदान को हमेशा याद रखने का आश्वासन दिया।

वाराणसी, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के निधन पर रक्षा विशेषज्ञ संजीव श्रीवास्तव ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि खालिदा जिया के कार्यकाल में भारत और बांग्लादेश के संबंधों में काफी प्रगति हुई थी।

संजीव श्रीवास्तव ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "आज बांग्लादेश से एक बहुत दुखद समाचार आया है। बीएनपी की अध्यक्ष और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन हो गया। उनके निधन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को शोक व्यक्त किया है। हाल ही में, जब उनकी तबीयत खराब हुई थी, तो भारत सरकार ने हर संभव मेडिकल मदद और समर्थन प्रदान किया था, जिसकी बीएनपी ने बहुत सराहना की थी और उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया था।"

संजीव श्रीवास्तव ने कहा, "जहां तक भारत-बांग्लादेश संबंधों की बात है, खालिदा जिया के कार्यकाल में बहुत प्रगति हुई थी। 1992 में, प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारत का राजकीय दौरा किया था। इसके बाद उन्होंने कई बार भारत का दौरा किया, जिसका आखिरी दौरा 2006 में हुआ था।"

उन्होंने कहा कि खालिदा जिया को जब बीएनपी की जिम्मेदारी दी गई थी, तो उन्होंने जिस तरह से इसे निभाया वह बहुत महत्वपूर्ण था। देश के लिए उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और उनका जाना बांग्लादेश की राजनीति और बीएनपी नेतृत्व के लिए एक बड़ी क्षति है।

संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि खालिदा जिया काफी दिनों से बीमार थीं और हाल के दिनों में उनकी हालत बिगड़ गई थी। उन्हें 23 नवंबर को दिल और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याओं के कारण एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) द्वारा जारी बयान के अनुसार, सुबह लगभग 6 बजे ढाका के एवरकेयर अस्पताल में खालिदा जिया का निधन हुआ। पार्टी ने कहा, "हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और सभी से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने का अनुरोध करते हैं।"

Point of View

बल्कि भारत के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षति है।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

खालिदा जिया का योगदान क्या था?
खालिदा जिया ने बांग्लादेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया।
उनका निधन कब हुआ?
खालिदा जिया का निधन 30 दिसंबर 2023 को हुआ।
भारत सरकार ने उनकी बीमारी के दौरान क्या किया?
भारत सरकार ने उनकी बीमारी के दौरान हर संभव मेडिकल मदद और समर्थन प्रदान किया।
खालिदा जिया का अंतिम दौरा कब था?
उनका अंतिम दौरा भारत का 2006 में हुआ था।
बीएनपी ने उनके निधन पर क्या प्रतिक्रिया दी?
बीएनपी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
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