क्या किसानों के हितों से समझौता नहीं होगा, चाहे कोई भी कीमत चुकानी पड़े?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है।
- किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं।
- जलवायु-प्रतिरोधी फसलों का विकास आवश्यक है।
- छोटे किसानों की संगठित शक्ति को बढ़ावा देने के लिए एफपीओ का निर्माण।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कृषि के क्षेत्र में स्वामीनाथन द्वारा किए गए योगदान को याद करते हुए किसानों के भविष्य, उनकी आय वृद्धि और हितों के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
प्रधानमंत्री ने अपने भावुक संबोधन में कहा कि हमारे लिए किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों के साथ कभी समझौता नहीं करेगा।
उन्होंने आगे कहा कि वे यह जानते हैं कि इसके लिए व्यक्तिगत रूप से उन्हें बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन वे इसके लिए तैयार हैं। किसानों की आय बढ़ाने, खेती पर खर्च कम करने और आय के नए स्रोत बनाने के लक्ष्य पर हम लगातार काम कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों की ताकत को देश की प्रगति का आधार माना है। पीएम किसान सम्मान निधि से मिलने वाली सीधी सहायता ने छोटे किसानों को आत्मबल दिया है। पीएम फसल बीमा योजना ने किसानों को जोखिम से सुरक्षा प्रदान की है। हाल ही में पीएम धन धान्य योजना को भी मंजूरी दी गई है।
उन्होंने सिंचाई संबंधित समस्याओं को पीएम कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से हल किया है। 10 हजार एफपीओ के निर्माण ने छोटे किसानों की संगठित शक्ति को बढ़ाया है।
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी उन्होंने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमें जलवायु-प्रतिरोधी फसलों की अधिक से अधिक किस्में विकसित करने की आवश्यकता है।