क्या किसानों के लिए पैसा नहीं है, और सीएम की यात्रा पर लाखों खर्च हो रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री की यात्रा पर 21 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं।
- किसानों को राहत देने के लिए पैसे की कमी है।
- प्राकृतिक आपदाओं ने किसानों को प्रभावित किया है।
- किसानों के लिए एमएसपी केवल विज्ञापनों में है।
- किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं और सरकार केवल समीक्षा कर रही है।
भोपाल, ६ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि राज्य सरकार के पास किसानों को राहत देने के लिए पैसा नहीं है, जबकि मुख्यमंत्री की प्रत्येक यात्रा पर २१ लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
पटवारी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश के किसान सबसे कठिन समय का सामना कर रहे हैं। खेती की लागत में निरंतर वृद्धि हो रही है जबकि फसल के दाम घटते जा रहे हैं। इसके साथ ही, प्राकृतिक आपदाएं भी फसलों को बर्बाद कर रही हैं। हजारों किसानों ने अपने खेतों में नुकसान उठाया है, लेकिन सरकार केवल घोषणाएं कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने दावा किया कि ५० क्विंटल प्रति बीघा देने वाला गेहूं का बीज उपलब्ध है, लेकिन आज तक किसी किसान को नहीं बताया गया कि वह बीज कहाँ है, किस कृषि संस्थान ने इसे प्रमाणित किया और किस जिले में इसका उपयोग हुआ। सोयाबीन की स्थिति यह रही कि एक एकड़ में पाँच क्विंटल भी फसल नहीं निकली। किसानों ने प्राकृतिक नुकसान झेला, लेकिन बीमा कंपनियों ने भुगतान रोक दिया और सरकार केवल समीक्षा बैठकें करती रही।
राज्य में बिजली की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली की कटौती इतनी गंभीर है कि सिंचाई के समय किसान रात भर मोटर चालू करने का इंतज़ार करता है। नहरों में पानी नहीं, ट्यूबवेल पर बिजली नहीं और ट्रांसफार्मर खराब रहने से रबी सीजन पूरी तरह प्रभावित हुआ। खाद और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती रही हैं और उपज के समय मंडियों में किसानों को कम रेट दिए गए। मंडियों में किसानों का शोषण होता है और एमएसपी का नाम केवल विज्ञापनों में ही देखा जाता है।
पटवारी ने कहा कि जिन किसानों की फसल बारिश, ओलावृष्टि, कीट और बीमारियों से नष्ट हुई, वे दो सालपर्याप्त पैसे नहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा कि यह वही सरकार है जिसके मुख्यमंत्री एक-एक सरकारी हवाई दौरे पर २१ लाख रुपए तक खर्च कर देते हैं। किसानों को पाँच हजारकिसान नहीं, सत्ता का वैभव.