क्या कोलकाता में डीआरआई ने 26 करोड़ के मादक पदार्थ जब्त किए और मास्टरमाइंड समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- 26 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ जब्त किए गए।
- 10 लोग गिरफ्तार किए गए, जिनमें मास्टरमाइंड शामिल है।
- नशीली दवाओं के गिरोह का नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त किया गया।
- डीआरआई की कार्रवाई ने तस्करी के मामलों में सख्ती दिखाई है।
कोलकाता, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। डीआरआई की कोलकाता क्षेत्रीय इकाई ने 12 सितंबर को आयोजित एक बहु-आयामी अभियान में लगभग 26 करोड़ रुपए के नशीले पदार्थ जब्त किए और इस रैकेट के मास्टरमाइंड सहित कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया।
अधिकारियों के अनुसार, सुबह के पहले घंटों में तीन अलग-अलग स्थानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया गया। इनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय (एनएससीबीआई) हवाई अड्डा और जादवपुर के बिजॉयगढ़ क्षेत्र के दो आवासीय परिसर शामिल थे।
रैकेट के मास्टरमाइंड के आवास से बड़ी मात्रा में हाइड्रोपोनिक वीड, कैनाबिस और कोकीन बरामद की गई है। मास्टरमाइंड द्वारा किराए पर लिए गए एक अन्य आवास से, 'वितरण के लिए तैयार' अवस्था में बड़ी मात्रा में गांजा जब्त किया गया। कोलकाता में नशीली दवाओं की बिक्री और स्थानीय वितरण के लिए काम कर रहे मास्टरमाइंड के चार सहयोगियों को भी उसी स्थान से गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने इन स्थानों से नशीले पदार्थों की बिक्री से प्राप्त नकदी भी जब्त की। इस सिंडिकेट का एक अन्य सदस्य, जो विदेशों में आपूर्तिकर्ताओं की व्यवस्था करने में संलग्न है, को भी उसी दिन गिरफ्तार किया गया।
इस बीच, दमदम स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय (एनएससीबीआई) हवाई अड्डे पर एक अलग अभियान में, बैंकॉक से लौट रहे इस गिरोह के चार मालवाहकों (जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल थीं) को पकड़ा गया है। उनके पास से भी भारी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद किए गए हैं।
कुल मिलाकर इस अभियान में 32.466 किलोग्राम गांजा, 22.027 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड, 345 ग्राम कोकीन और नकदी जब्त की गई है। मास्टरमाइंड, विदेशी वाहक, खुदरा वितरक और बिचौलियों सहित दस लोगों (सभी भारतीय नागरिक) को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत के लिए अदालत में पेश किया गया है। सभी जब्तियाँ और गिरफ्तारियाँ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट, 1985 की संबंधित धाराओं के अंतर्गत की गई हैं। आगे की जांच जारी है।