क्या कोलकाता में ईडी ने कॉनकास्ट स्टील मामले में 133 करोड़ की संपत्ति कुर्क की?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने 133 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की।
- संजय सुरेका पर गंभीर आरोप लगे हैं।
- यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई।
- जांच अभी भी जारी है।
- धन शोधन के मामलों में सख्ती बढ़ रही है।
कोलकाता, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने मेसर्स कॉनकास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (सीएसपीएल) और इसके प्रमोटर संजय सुरेका के विरुद्ध धन शोधन के मामले में महत्वपूर्ण कार्रवाई की है।
10 अक्टूबर को, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 133.09 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया। यह कार्रवाई सीबीआई और बीएसएफबी, कोलकाता द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर शुरू की गई जांच का हिस्सा है, जिसमें कंपनी और इसके निदेशकों पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ 6,210.72 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
जांच में यह सामने आया है कि संजय सुरेका ने बैंकों से प्राप्त कर्ज को गलत तरीके से अपनी समूह कंपनियों में स्थानांतरित किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने फर्जी स्टॉक स्टेटमेंट और बैलेंस शीट में हेरफेर कर धोखाधड़ी की। सुरेका ने अपने रिश्तेदारों, कर्मचारियों और शेल कंपनियों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदीं। कर्ज की राशि को बीडीजी ग्रुप ऑफ कंपनीज के डिबेंचर में निवेश किया गया, जिसे बाद में इक्विटी शेयरों में बदल दिया गया।
इससे पहले, ईडी ने इस मामले में 612.71 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी, जिसमें कॉनकास्ट स्टील, संजय सुरेका और यूको बैंक के पूर्व सीएमडी सुबोध गोयल से जुड़ी संपत्तियां शामिल थीं। ईडी ने 15 फरवरी 2025 को पहली अभियोजन शिकायत और 11 जुलाई 2025 को पूरक शिकायत दर्ज की। संजय सुरेका और अनंत कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है और वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी अब इस मामले में गहन जांच कर रही है ताकि धन शोधन में शामिल सभी व्यक्तियों और कंपनियों की भूमिका का पता लगाया जा सके। साथ ही, अवैध धन के अंतिम लाभार्थियों को चिह्नित करने का प्रयास किया जा रहा है।