क्या प्रवर्तन निदेशालय ने कोलकाता में नगर पालिका भर्ती घोटाले के मामले में छापेमारी की?

सारांश
Key Takeaways
- कोलकाता में 13 ठिकानों पर छापेमारी हुई।
- विधायक सुजीत बोस का कार्यालय शामिल था।
- 45 लाख रुपये की अघोषित नकदी जब्त की गई।
- अयान सिल पर कार्रवाई की जा रही है।
- नगर पालिका भर्ती घोटाला व्यापक है।
कोलकाता, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नगर पालिका भर्ती घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता और उसके आसपास 13 स्थानों पर छापेमारी की। इस तलाशी में पश्चिम बंगाल के विधायक और मंत्री सुजीत बोस के कार्यालय तथा उनकी अन्य कंपनियों को भी शामिल किया गया।
तलाशी के दौरान ईडी ने संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और 45 लाख रुपये की अघोषित नकदी सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए।
नगर पालिका भर्ती घोटाले के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी, जिसके बाद ईडी ने जांच शुरू की। ईडी ने सौमेन नंदी बनाम पश्चिम बंगाल राज्य एवं अन्य के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष एक आवेदन दायर किया था, जिसमें विभिन्न नगरपालिकाओं में की गई भर्ती में अनियमितताओं का स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
इससे पहले, प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले में भी ईडी ने जांच की थी, जिसमें 2023 में अयान सिल और अन्य से जुड़े परिसर की तलाशी ली गई थी। जांच में अयान सिल के कब्जे से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए थे।
जांच में यह सामने आया कि यह घोटाला केवल शिक्षकों की भर्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि विभिन्न नगरपालिकाओं (जिनमें कांचरापाड़ा, न्यू बैरकपुर, कमरहाटी, टीटागढ़, बारानगर, हालिसहर, दक्षिण दमदम (उत्तर), दमदम आदि) द्वारा की गई अन्य नियुक्तियों में भी अनियमितताएं थीं, जिसमें मजदूर, सफाई कर्मचारी, क्लर्क, चपरासी, एम्बुलेंस परिचारक, सहायक मिस्त्री, पंप ऑपरेटर, हेल्पर, स्वच्छता सहायक, ड्राइवर आदि शामिल हैं।
अभी तक की जांच से पता चला है कि विभिन्न नगर निगमों, नगर पालिकाओं आदि के ठेके एक ही कंपनी को दिए गए थे। एबीएस इन्फोजोन प्राइवेट लिमिटेड (निदेशक अयान सिल) को प्रश्नपत्रों की छपाई, ओएमआर शीट की छपाई, अभ्यर्थियों के अंकों का मूल्यांकन और योग्यता सूची तैयार करने में दोषी ठहराया गया।
इस मामले में ईडी ने पहले ही अयान सिल के खिलाफ विशेष न्यायालय (पीएमएलए), कोलकाता में अभियोजन शिकायत दायर कर दी है। ईडी ने पहले भी नगरपालिकाओं के विभिन्न पदाधिकारियों के परिसरों, विधायक सुजीत बोस और पश्चिम बंगाल के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रथिन घोष के आवासीय परिसरों की तलाशी ली थी।