क्या कुर्ला पुलिस ने किरीट सोमैया को 'आई लव महादेव' अभियान में शामिल होने से रोका?

सारांश
Key Takeaways
- किरीट सोमैया को 'आई लव महादेव' अभियान में शामिल होने से रोका गया है।
- पुलिस का कहना है कि इससे कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
- सोमैया ने अभियान में भाग लेने का निर्णय लिया है।
- अभियान का उद्देश्य धार्मिक एकता और समाज में सौहार्द बढ़ाना है।
- स्थानीय प्रशासन ने बिना अनुमति सभा न करने की अपील की है।
मुंबई, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र भाजपा के प्रमुख नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया के खिलाफ मुंबई की कुर्ला पुलिस ने 'आई लव महादेव' अभियान को लेकर एक नोटिस जारी किया है। पुलिस ने सोमैया को इस अभियान में शामिल होने से मना करते हुए चेतावनी दी है कि ऐसा करने से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
किरीट सोमैया ने कहा कि रविवार शाम 7:30 बजे मुंबई पुलिस के दो अधिकारी उनके मुलुंड स्थित कार्यालय आए और उन्हें नोटिस सौंपा। नोटिस में कहा गया कि वे मंगलवार शाम को कुर्ला के एलबीएस रोड पर आयोजित 'आई लव महादेव' अभियान में शामिल न हों।
पुलिस ने स्पष्ट किया कि इस अभियान के लिए कुर्ला पुलिस स्टेशन क्षेत्र में कोई अनुमति नहीं दी गई है। नोटिस में पुलिस ने सोमैया से अपील की कि वे ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे कानून-व्यवस्था बाधित हो या सामाजिक अशांति फैले।
नोटिस में लिखा है, "यदि आप या आपके समर्थक बिना अनुमति के सड़कों पर एकत्रित होते हैं या कोई ऐसी टिप्पणी अथवा कार्य करते हैं जिससे सामाजिक अशांति पैदा हो, तो आप इसके लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। ऐसी स्थिति में प्रचलित कानून के तहत आपके और आपके समर्थकों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह नोटिस आपके खिलाफ सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।"
पुलिस के इस नोटिस के बावजूद किरीट सोमैया ने अभियान में शामिल होने की ठान ली है। उन्होंने कहा, "मुझे कल शाम 6 बजे कुर्ला के एलबीएस रोड पर न्यू इंडिया आजाद रेस्टोरेंट के पास आयोजित 'आई लव महादेव' अभियान में भाग लेने से रोका गया है, लेकिन मैं वहां जरूर जाऊंगा।"
सोमैया ने इस अभियान को धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बताया और कहा कि वे अपने समर्थकों के साथ शांतिपूर्ण तरीके से इसमें शामिल होंगे। 'आई लव महादेव' अभियान का उद्देश्य भगवान शिव के प्रति श्रद्धा व्यक्त करना और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देना बताया जा रहा है।
वहीं, पुलिस को आशंका है कि यह आयोजन कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकता है। स्थानीय प्रशासन ने आयोजकों से बिना अनुमति सभा न करने की अपील की है। इस घटनाक्रम ने मुंबई में सियासी हलचल बढ़ा दी है। बीजेपी समर्थक इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं, जबकि विपक्षी दल इसे कानून-व्यवस्था का मामला करार दे रहे हैं।
पुलिस ने क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।