क्या 14 नवंबर को जनता के असली फैसले से तय होगा परिणाम? : राजेश ठाकुर

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क्या 14 नवंबर को जनता के असली फैसले से तय होगा परिणाम? : राजेश ठाकुर

सारांश

क्या आपको लगता है कि एग्जिट पोल से असली नतीजे की भविष्यवाणी की जा सकती है? कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर का मानना है कि 14 नवंबर को जनता के फैसले से ही वास्तविक परिणाम का पता चलेगा। जानिए इस पर उनका क्या कहना है।

Key Takeaways

  • एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
  • 14 नवंबर को असली नतीजे सामने आएंगे।
  • दिल्ली धमाके की गहन जांच होनी चाहिए।
  • सुरक्षा में लापरवाही की जिम्मेदारी लेनी होगी।
  • गुनहगारों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

रांची, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्र प्रेस-मैटराइज एग्जिट पोल पर अपनी प्रतिक्रिया में कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने कहा कि इन सर्वेक्षणों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता। एग्जिट पोल जो भी दर्शाए, लेकिन असली परिणाम 14 नवंबर को जनता ही तय करेगी। उसी दिन सच्चाई का सामना होगा।

राजेश ठाकुर ने कहा कि एग्जिट पोल का इतिहास यह दर्शाता है कि ये अक्सर भ्रामक साबित होते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "झारखंड में नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान एग्जिट पोल ने एनडीए को 42 से 50 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। इस प्रकार की भविष्यवाणी एक राजनीतिक माहौल बनाने के लिए की जाती है। मुझे संदेह है कि इस तरह का वातावरण जानबूझकर तैयार किया जा रहा है ताकि वोटरों के मन को प्रभावित किया जा सके।"

उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता के भरोसे पर यकीन रखती है, न कि एग्जिट पोल के आंकड़ों पर। जनता के वोट से तय होगा कि कौन सच्चाई के साथ खड़ा है।

दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके पर राजेश ठाकुर ने कहा कि इस घटना की गहन और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। सरकार को यह जवाब देना चाहिए कि आखिर विस्फोटक पदार्थ भारत में आता कैसे है? जो लोग बड़े-बड़े मंचों से घुसपैठ की बातें करते हैं, वे यह नहीं बताते कि सीमा पर निगरानी की जिम्मेदारी किसकी है?

उन्होंने कहा, "ये लोग चालाक और धोखेबाज हैं। इतनी बड़ी घटना के बाद भी कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा कि आखिर सुरक्षा में लापरवाही कैसे हुई। यह एनआईए और दिल्ली पुलिस की बड़ी विफलता है।"

उन्होंने कहा कि सिर्फ बयानबाजी या ध्यान भटकाने वाली बातें करने से कुछ नहीं होगा। असल गुनहगारों को पकड़ना होगा और उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अगर जरूरत पड़े, तो फांसी की सजा दी जानी चाहिए।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को दिल्ली कार ब्लास्ट की जांच के लिए टीम का गठन कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि एडीजी विजय सखारे के नेतृत्व में पूरी टीम काम करेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एनआईए को जांच सौंपी थी।

एनआईए ने दिल्ली ब्लास्ट की जांच के लिए 'स्पेशल 10' अधिकारियों की टीम तैयार की है, जिसमें आईजी, दो डीआईजी और तीन एसपी शामिल हैं। इसके अलावा डीएसपी स्तर के अधिकारी भी टीम में शामिल हैं। दिल्ली ब्लास्ट मामले को लेकर बुधवार को एनआईए के डीजी और आईबी चीफ की बैठक भी हुई।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम जनता की आवाज को प्राथमिकता दें। राजेश ठाकुर की बातें इस बात का संकेत देती हैं कि असली परिणाम केवल जनता के वोट से निकलेंगे, न कि किसी सर्वेक्षण से।
NationPress
12/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या एग्जिट पोल विश्वसनीय होते हैं?
एग्जिट पोल अक्सर भ्रामक साबित हो सकते हैं, जैसे कि राजेश ठाकुर ने कहा।
14 नवंबर को क्या होगा?
14 नवंबर को जनता अपने वोट द्वारा असली परिणाम तय करेगी।
दिल्ली धमाके की जांच कौन कर रहा है?
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले की जांच कर रही है।