क्या आपके शरीर में किसी विटामिन की कमी है? इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ तो नहीं कर रहे?
सारांश
Key Takeaways
- विटामिन का सेवन शरीर के लिए आवश्यक है।
- लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
- संतुलित आहार अपनाएं।
- समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराएं।
- सप्लीमेंट्स लेने से पहले सलाह लें।
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शरीर के स्वास्थ्य के लिए विटामिन उतने ही आवश्यक हैं जितना कि भोजन, पानी और हवा। यह हड्डियों, त्वचा, मांसपेशियों और शरीर के हर अंग के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। विटामिन की कमी धीरे-धीरे असर दिखाती है, और प्रारंभिक लक्षणों को लोग अक्सर अनदेखा कर देते हैं। ऐसे में, सावधानी
विटामिन की कमी से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि समय पर इन लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है, क्योंकि ये गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकते हैं। बिना रक्त परीक्षण के भी, शरीर के कुछ संकेतों से विटामिन की कमी का अनुमान लगाया जा सकता है।
विटामिन की कमी मुख्यतः गलत और असंतुलित आहार, जंक फूड और प्रोसेस्ड भोजन के अत्यधिक सेवन, कमजोर पाचन, धूप में कम समय बिताने, लंबे समय तक दवाएं लेने, तनाव और अनियमित दिनचर्या के कारण होती है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि हर विटामिन की कमी कुछ विशेष लक्षण देती है।
जैसे कि, विटामिन बी12 की कमी होने पर बार-बार थकान, हाथ-पैरों में झनझनाहट, याददाश्त कमजोर होना, चक्कर आना, जीभ पर जलन या लालिमा और मूड में बदलाव शामिल हैं।
विटामिन डी की कमी से हड्डियों और जोड़ों में दर्द, कमर दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी और जल्दी थकान होती है। जो लोग धूप में कम रहते हैं, उनमें ये समस्याएं सामान्य होती हैं। वहीं, विटामिन सी की कमी से मसूड़ों से खून आना, घाव का धीरे भरना, रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमज़ोर होना, बार-बार सर्दी-जुकाम और त्वचा का रूखा होना जैसे लक्षण होते हैं।
विटामिन ए की कमी के लक्षणों में रात में कम दिखाई देना (नाइट ब्लाइंडनेस), आंखों में सूखापन, त्वचा का रूखा होना और जल्दी संक्रमण होना शामिल हैं। जबकि विटामिन ई की कमी से त्वचा का रूखापन, बालों का अधिक झड़ना, मांसपेशियों में कमजोरी और नर्व संबंधी समस्याएं होती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, विटामिन की कमी को धातु क्षय और अग्नि मंदता से जोड़ा जाता है। जब पाचन शक्ति कमजोर होती है, तो भोजन से पोषक तत्व ठीक से अवशोषित नहीं हो पाते। इसलिए, आयुर्वेद का मानना है कि केवल खाना ही नहीं, बल्कि उसे सही से पचाना भी आवश्यक है। वहीं, आधुनिक चिकित्सा के अनुसार, विटामिन की कमी का सटीक पता रक्त परीक्षण से लगाया जा सकता है। लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है और बिना सलाह के सप्लीमेंट नहीं लेना चाहिए।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि संतुलित आहार, पर्याप्त धूप और नियमित दिनचर्या अपनाकर विटामिन की कमी से आसानी से बचा जा सकता है। हालांकि, हर थकान या कमजोरी को विटामिन की कमी न समझें। यदि लक्षण लंबे समय से दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें।