क्या देश के लिए जिहादी और उन्मादी नहीं, अंबेडकरवादी होना जरूरी है: नीरज कुमार?
सारांश
Key Takeaways
- अंबेडकरवादी होना जरूरी है
- जिहाद पर सवाल उठाना उचित नहीं
- सर्वधर्म सद्भाव को बढ़ावा देना चाहिए
- राजनीतिक नेताओं की ज़िम्मेदारी पर चर्चा
- धार्मिक परंपरा का सम्मान करें
पटना, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जमीयत-उलेमा-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी द्वारा देश के लिए जिहाद को महत्वपूर्ण बताने पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस संदर्भ में जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बुधवार को मौलाना मदनी पर तीखा हमला किया।
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "इस मुल्क के लिए अंबेडकरवादी होना आवश्यक है, जिहादी और उन्मादी नहीं। अगर आप अंबेडकरवादी बनेंगे और देश के संविधान की शपथ लेंगे, तो सर्वधर्म सद्भाव स्थापित होगा।"
नीरज कुमार ने कहा, "विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव कहाँ हैं? क्या जनता का प्रचंड जनादेश उनके लिए एक लहर बन गया है?" उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी ने शपथ तो ली है, लेकिन सदन में उनकी अनुपस्थिति का कारण क्या है? राष्ट्रीय जनता दल का यह कहना कि 'हर कोई तेजस्वी है' गलत है।
उन्होंने कहा कि एसआईआर जैसे मुद्दों पर विपक्ष का एकाधिकार है, लेकिन मेरी समझ के अनुसार, चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। संसद चुनाव सुधार पर चर्चा कर सकती है, लेकिन चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर चर्चा का अधिकार कार्य संचालन नियमावली में नहीं होना चाहिए। यह स्पीकर का विशेषाधिकार है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा हिंदू देवी-देवताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा, "रेवंत रेड्डी एक मुख्यमंत्री हैं। उनका यह बयान दुखद है। इंडिया महागठबंधन के सहयोगी दलों को इस विषय पर अपनी राय स्पष्ट करनी चाहिए। क्या किसी भी धर्म के देवी-देवता पर टिप्पणी की जानी चाहिए? देश की ऐसी शानदार परंपरा रही है कि राम तो रहीम हैं, और रहीम तो राम हैं।"