क्या अमेरिकी टैरिफ पर हमारी सबसे बड़ी ताकत 'घरेलू उपभोग' है? भारत-चीन के रिश्ते भी महत्वपूर्ण हैं: विशेषज्ञ

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क्या अमेरिकी टैरिफ पर हमारी सबसे बड़ी ताकत 'घरेलू उपभोग' है? भारत-चीन के रिश्ते भी महत्वपूर्ण हैं: विशेषज्ञ

सारांश

क्या अमेरिकी टैरिफ से भारत की घरेलू उपभोग क्षमता प्रभावित होगी? जानें, चीन के साथ संबंधों पर विशेषज्ञों की राय।

Key Takeaways

  • घरेलू उपभोग भारत की सबसे बड़ी ताकत है।
  • अमेरिकी टैरिफ का सीधे असर हमारे व्यापार पर होगा।
  • भारत-चीन संबंधों में सुधार के संकेत हैं।
  • जीएसटी सुधार से उपभोग को बढ़ावा मिलेगा।
  • त्योहारी सीजन में उपभोग में तेजी आएगी।

नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विदेश नीति के जानकार सुधींद्र कुलकर्णी ने शुक्रवार को चीन के राजदूत शू फीहॉन्ग के हालिया बयान का स्वागत करते हुए कहा कि टैरिफ के मुद्दे पर चीन भी अमेरिका की आलोचना करता है और भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।

कुलकर्णी ने अमेरिकी टैरिफ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का भारत के प्रति यह व्यवहार बिल्कुल भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पूरी दुनिया को 'ग्लोबल पुलिसमैन' बनकर धमका रहे हैं।

न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कुलकर्णी ने कहा, "उन्हें किसी ने 'ग्लोबल पुलिसमैन' नियुक्त नहीं किया है। हमारे और चीन की विदेश नीति में हालिया बदलाव, जिससे भारत-चीन संबंधों में सुधार हुआ है, एक अत्यंत स्वागत योग्य कदम है, जिसका मैं तहे दिल से समर्थन करता हूं।"

उन्होंने पीएम मोदी के इस महीने के अंत में होने वाले चीन दौरे को लेकर कहा, "हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन का दौरा कर रहे हैं। यह 2017 के बाद भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की पहली चीन यात्रा होगी। इसलिए, बहुत सारी उम्मीदें हैं और यह बिल्कुल स्पष्ट है कि भारत के लोग प्रधानमंत्री का समर्थन कर रहे हैं और चीन के साथ दोस्ती के नए मोड़ का समर्थन कर रहे हैं।"

आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ आकाश जिंदल ने अमेरिकी टैरिफ को गलत बताते हुए राष्ट्र प्रेस से कहा, "हमें रूस से तेल लेने के लिए टारगेट किया जा रहा है, जबकि रूस से अमेरिका खुद तेल खरीदता है। यूरोपियन यूनियन भी रूस से तेल का एक बड़ा खरीदार है। यहां तक कि चीन भी रूस से तेल खरीदता है। इसलिए भारत को सिंगल आउट कर इतना टैरिफ लगाना पूरी तरह से गलत है।"

उन्होंने आगे कहा, "रूसी हमारे पुराने दोस्त हैं। उनके साथ हमारी दोस्ती और कारोबार बहुत पुराना है। ऐसे में रूस से तेल खरीदने में किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।"

जिंदल ने भारत सरकार की वर्तमान मौजूदा नीति की तारीफ करते हुए कहा कि हम चीन के साथ भी अच्छे रिश्ते बनाने की राह में हैं। हालांकि अमेरिका और चीन से सावधान रहने की भी सख्त जरूरत है। हमें चीन को लेकर पुरानी कार्रवाहियों को नहीं भूलना चाहिए। हमें बैलेंस बनाए रखने की आवश्यकता है। साथ ही, यूएस, चीन के साथ व्यापार बढ़ाने के अवसरों को जरूर तलाशना चाहिए।

उन्होंने जीएसटी सुधार को लेकर कहा, "हमारी सबसे बड़ी ताकत घरेलू उपभोग है, जीएसटी के भी दो स्लैब खत्म होने जा रहे हैं, जिससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा।"

जिंदल ने कहा कि त्योहारी सीजन के साथ ही भारत के उपभोग में तेजी आएगी और कुल मिलाकर देश की ग्लोबल ट्रेड पर निर्भरता बहुत अधिक नहीं रह जाएगी।

Point of View

जबकि अमेरिका और चीन के साथ संबंधों में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है। यह नीति हमें वैश्विक व्यापार में मजबूत बनाएगी।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

अमेरिकी टैरिफ का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
अमेरिकी टैरिफ से भारत की घरेलू उपभोग क्षमता प्रभावित हो सकती है, लेकिन हमें अपनी ताकत को पहचानना होगा।
भारत-चीन संबंधों में सुधार कैसे हो रहा है?
हाल ही में भारत और चीन के बीच विदेश नीति में बदलाव हुए हैं, जिससे संबंधों में सुधार हो रहा है।
क्या भारत को रूस से तेल खरीदने में कोई समस्या है?
नहीं, भारत और रूस के बीच पुरानी दोस्ती है और तेल खरीदने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।