क्या अमेरिका के दबाव में भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद किया? मार्को रुबियो ने ट्रंप के दावे का किया पर्दाफाश
सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत ने रूस से तेल खरीद जारी रखी है।
- मारको रुबियो ने भारत के तेल पोर्टफोलियो में परिवर्तन की बात की है।
- उन्हें अमेरिका के टैरिफ पर कोई स्पष्टता नहीं है।
- भारत अपने हितों को प्राथमिकता देता है।
- भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों पर नजर रखना महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल के दिनों में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-रूस तेल व्यापार को लेकर कई गंभीर दावे किए हैं। लेकिन, भारत ने इन दावों को लगातार खारिज किया है। अब, ट्रंप के विदेश मंत्री मारको रुबियो ने इन दावों की सच्चाई को उजागर किया है।
मीडिया ने जब अमेरिकी विदेश मंत्री से पूछा, "क्या आप मानते हैं कि अमेरिका के साथ एक व्यापक व्यापार समझौता करने के लिए भारत वास्तव में रूसी तेल की खरीद को रोकने के लिए तैयार होगा?" इस पर उन्होंने जवाब दिया, "मुझे लगता है कि भारत ने पहले ही अपने तेल पोर्टफोलियो में परिवर्तन लाने की इच्छा दिखाई है, इसलिए उन्हें बस इतना ही तेल चाहिए।"
मारको रुबियो ने आगे कहा, "अगर भारत अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करता है, तो जितना अधिक वे हमसे खरीदेंगे, उतना ही कम वे किसी अन्य स्रोत से खरीदेंगे। लेकिन मैं इस पर कोई पूर्वधारणा नहीं बनाना चाहता।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका टैरिफ हटा सकता है, तो उन्होंने कहा, "मैं टैरिफ के फैसले नहीं लेता, यह राष्ट्रपति का काम है। लेकिन राष्ट्रपति इन विकल्पों को हमेशा ध्यान में रखते हैं और निर्णय लेते हैं।"
इसी तरह, तेल कंपनियों पर प्रतिबंध को लेकर उन्होंने कहा, "हम अभी भी बातचीत कर रहे हैं। हमारे पास व्यापक व्यापार मुद्दे हैं जिन पर हम काम कर रहे हैं, लेकिन हमारे सहयोगी और मित्र हमेशा हमारे साथ रहेंगे।"