क्या अमेरिका के टैरिफ अटैक पर सपरा का यह तंज सही है? यह सरकार की विदेश नीति की विफलता है

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका द्वारा 25 प्रतिशत टैरिफ लागू किया गया है।
- सरकार की विदेश नीति में कमी आई है।
- सपरा ने केंद्र सरकार को निशाना बनाया है।
- ट्रंप की धमकियाँ भारत के लिए चिंता का विषय हैं।
- सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को फटकार लगाई है।
मुंबई, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए जा रहे टैरिफ अटैक के खिलाफ देश में राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस प्रवक्ता चरण सिंह सपरा ने सरकार पर इस मुद्दे को लेकर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार की विदेश नीति की विफलता है।
भारत पर ट्रंप प्रशासन ने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, और इसके साथ ही पेनल्टी लगाने की बात भी की जा रही है। इस पर चरण सिंह सपरा ने कहा कि यह एक अघोषित पेनल्टी है और यह केंद्र सरकार की विफलता को दर्शाता है। हमारी विदेश नीति पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। केंद्र सरकार को यह नहीं पता कि हमें क्या करना है। पड़ोसी देश हमसे नाराज हैं, और अमेरिका और रूस के साथ भी हमारे संबंध अच्छे नहीं हैं। यह हमारी केंद्र सरकार की नाकामी है। ट्रंप बार-बार भारत को धमकी दे रहे हैं।
ट्रंप भारत-पाकिस्तान में युद्ध विराम का दावा कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री इन मुद्दों पर चुप हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहुल गांधी को लगाई गई फटकार को लेकर सपरा ने कहा कि राहुल गांधी जनता के मुद्दों को सड़क से लेकर संसद तक उठाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी इस तरह के अवलोकन दिए हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब प्रवासी मजदूर सड़कों पर थे, तब पीएम मोदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के खिलाफ तीन कानून और ऑक्सीजन की किल्लत पर भी लताड़ लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो कुछ कहा गया है, उसका संज्ञान हम लेंगे।
ठाकरे बंधुओं के एक साथ होने पर उन्होंने कहा कि दोनों भाइयों का मिलन हुआ है, लेकिन दोनों पार्टियां किस प्रकार का स्टैंड लेती हैं, उसके बाद ही आगे विचार किया जाएगा।
बिहार में लगातार उठाए जा रहे एसआईआर के मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा कि एसआईआर एक सिरफिरा आदेश है। यह दर्शाता है कि कैसे चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी की टूलकिट का हिस्सा बन चुका है। एसआईआर प्रक्रिया में 65 लाख नाम हटाए गए हैं, लेकिन किसी का नाम जोड़ा नहीं गया है। क्या चुनाव आयोग ने इसकी जानकारी दी कि कितने नाम जोड़े गए हैं? महाराष्ट्र में वोटर को सूची में जोड़कर फर्जीवाड़ा किया गया है और बिहार में वोटर का नाम काटकर धांधली की जा रही है। भाजपा के जो वोटर नहीं हैं, उनका नाम काटा जा रहा है।