क्या अनंतनाग में राहत कार्यों के लिए सीएम उमर अब्दुल्ला ने सही कदम उठाए?

सारांश
Key Takeaways
- राहत कार्यों में तेजी लाने का निर्देश
- बुनियादी ढांचे की मरम्मत की आवश्यकता
- पेयजल और खाद्यान्न की आपूर्ति का महत्व
- भविष्य में खतरे से बचने के उपाय
- प्रशासन की सक्रियता की आवश्यकता
अनंतनाग, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को अनंतनाग में बाढ़ के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक समीक्षा बैठक आयोजित की। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि राहत और पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए और प्रभावित लोगों तक त्वरित सहायता सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए राहत और पुनर्वास प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न, दवाइयां और पेयजल की आपूर्ति लगातार बनी रहे। सीएम अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे की मरम्मत जल्द से जल्द की जाए। इसके साथ ही उन्होंने बिजली, पानी और संचार जैसी आवश्यक सेवाओं की त्वरित बहाली का आदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी कहा कि भविष्य में किसी भी संभावित खतरे से बचने के लिए कमजोर तटबंधों और बांधों को तुरंत मजबूत किया जाए।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बैठक की तस्वीरें साझा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मुख्यमंत्री ने आज अनंतनाग में बाढ़ के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक समीक्षा बैठक की। उन्होंने जिला प्रशासन को राहत और पुनर्वास कार्य को जल्द पूरा करने, आवश्यक सेवाओं को बहाल करने, क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत करने, कमजोर बांधों को मजबूत करने और प्रभावित लोगों को पर्याप्त मात्रा में भोजन, दवाएं और पीने का पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।"
इससे पहले, एक अन्य पोस्ट में सीएमओ ने लिखा, "मुख्यमंत्री आज अनंतनाग जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में गए और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार इन कठिन समय में उनके साथ है और उनकी मदद के लिए हर संभव कदम उठाएगी। उनके साथ उप-मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी, मंत्री सकीना इटू, मंत्री जावेद अहमद राणा, मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर सोगामी और जिले के संबंधित विधायक भी मौजूद थे।"