क्या अयोध्या का विकास भव्यता, आस्था और आधुनिकता का संतुलित मॉडल बनेगा?: सीएम योगी

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क्या अयोध्या का विकास भव्यता, आस्था और आधुनिकता का संतुलित मॉडल बनेगा?: सीएम योगी

सारांश

क्या अयोध्या का विकास सहिष्णुता, आस्था और आधुनिकता का एक अनूठा उदाहरण बनेगा? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महायोजना 2031 के तहत अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने पर जोर दिया है। जानिए इस महत्वाकांक्षी योजना के पीछे के विचार और उद्देश्य।

Key Takeaways

  • सुनियोजित और सतत विकास की दिशा में कदम।
  • अयोध्या को आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करना।
  • स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर।
  • पर्यावरण की सुरक्षा का ध्यान।
  • आधुनिक नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता।

लखनऊ, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अयोध्या महायोजना 2031 से जुड़े प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए कहा कि अयोध्या का विकास भव्यता, आस्था और आधुनिकता का समन्वित रूप होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महायोजना का मुख्य उद्देश्य अयोध्या को सुनियोजित, सुव्यवस्थित और सतत (सस्टेनेबल) विकास के साथ विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करना है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विकास कार्यों में अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान, धार्मिक गरिमा और पर्यावरणीय संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

मुख्यमंत्री ने महायोजना के बिंदुओं पर विभागीय अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि अयोध्या विजन 2047 के अंतर्गत अयोध्या को ग्लोबल आध्यात्मिक नगरी, ज्ञान नगरी, उत्सव नगरी, तीर्थ अनुकूल अवसंरचना, विविधीकृत पर्यटन, ऐतिहासिक सर्किट व हेरिटेज वॉक के साथ हरित एवं सौर ऊर्जा आधारित नगरी के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह महायोजना अयोध्या के सुनियोजित, सुव्यवस्थित और सस्टेनेबल विकास की आधारशिला बनेगी।

बैठक में बताया गया कि अयोध्या महायोजना 2031 का उद्देश्य शहर को ग्लोबल स्पिरिचुअल एवं टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना है। योजना के तहत अयोध्या विकास क्षेत्र को 18 जोनों में विभाजित कर संतुलित भूमि उपयोग सुनिश्चित किया गया है। प्रस्तावित 23.94 लाख की अनुमानित जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए 52.56 प्रतिशत भूमि आवासीय, 5.11 प्रतिशत वाणिज्यिक, 4.65 प्रतिशत औद्योगिक, 10.28 प्रतिशत सार्वजनिक उपयोग, 12.20 प्रतिशत परिवहन एवं 14.31 प्रतिशत हरित एवं खुले क्षेत्र के लिए नियोजित की गई है।

सीएम योगी ने निर्देश दिए कि मिश्रित तथा औद्योगिक भूमि को बढ़ाया जाए, इसी प्रकार, पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर भी विविध गतिविधियों के लिए भूमि आरक्षित की जाए।

बैठक में बताया गया कि वर्तमान में अयोध्या की जनसंख्या लगभग 11 लाख है, जो 2031 तक लगभग 24 लाख और 2047 तक 35 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। इसे ध्यान में रखते हुए नए आवासीय टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, बहुस्तरीय पार्किंग, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस मार्ग, रिंग रोड, एयरपोर्ट, टेंपल म्यूजियम, सौर ऊर्जा संयंत्र, होटल व आधुनिक नागरिक सुविधाएं महायोजना का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी परियोजनाएं अयोध्या को स्मार्ट, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाएंगी।

बैठक में बताया गया कि अयोध्या विकास क्षेत्र में 159 निवेश परियोजनाएं स्वीकृत हैं, जिनमें 8 हजार 594 करोड़ रुपए के निवेश होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।

उन्होंने कहा कि अयोध्या का सड़क, रेल और वायु मार्ग से उत्कृष्ट संपर्क है। यातायात और आतिथ्य क्षेत्र (हॉस्पिटैलिटी सेक्टर) के आधुनिकीकरण से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधा मिलेगी। आवश्यकता है कि लखनऊ, प्रयागराज, गोंडा और अम्बेडकर नगर मार्ग की ओर बस और ट्रक अड्डों सहित पार्किंग का विकास किया जाए। मुख्यमंत्री ने महायोजना के अंतर्गत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भी भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नवाचारों को बढ़ावा दें और यथासंभव देसी मॉडल को अपनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या का विकास न सिर्फ धार्मिक पर्यटन बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी प्रेरक उदाहरण बने। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर परियोजना पर्यावरणीय दृष्टि से सस्टेनेबल हो तथा नदी सरयू के तटों और हरित पट्टियों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या आज केवल एक शहर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का प्रतीक है। इसे ऐसे विकसित किया जाए कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए आस्था, सौंदर्य और समृद्धि का संगम बने।

उन्होंने कहा कि हाल के समय में अयोध्या में हो रहे बहुमुखी विकास को देखते हुए अनियोजित प्लाटिंग, बसावट भी देखने को मिल रही हैं। इसे रोका जाना चाहिए। जो कुछ भी हो योजना के अनुरूप और नियमों के अनुकूल होना चाहिए।

Point of View

यह कहना आवश्यक है कि अयोध्या का विकास न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना निश्चित रूप से भारत की संस्कृति और विरासत को सहेजने में मदद करेगी।
NationPress
28/10/2025

Frequently Asked Questions

अयोध्या महायोजना 2031 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य अयोध्या को एक ग्लोबल आध्यात्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है।
अयोध्या में जनसंख्या वृद्धि का अनुमान क्या है?
वर्तमान में अयोध्या की जनसंख्या लगभग 11 लाख है, जो 2031 तक 24 लाख और 2047 तक 35 लाख तक पहुंचने का अनुमान है।
इस योजना के तहत कितनी निवेश परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं?
अयोध्या विकास क्षेत्र में 159 निवेश परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें 8,594 करोड़ रुपए का निवेश होने की संभावना है।
सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से अयोध्या का विकास कैसे होगा?
यह विकास न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा।
महायोजना में पर्यावरण का ध्यान कैसे रखा जाएगा?
हर परियोजना पर्यावरणीय दृष्टि से सस्टेनेबल होगी और नदी सरयू के तटों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।