क्या दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग का संकट और बढ़ गया है?

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क्या दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग का संकट और बढ़ गया है?

सारांश

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। जहरीली धुंध के कारण विजिबिलिटी में भारी कमी आई है, जिससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। जानिए इस संकट के कारणों और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में।

Key Takeaways

  • दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर है।
  • धुंध के कारण विजिबिलिटी बहुत कम हो गई है।
  • नोएडा और गाजियाबाद में भी प्रदूषण का स्तर ऊँचा है।
  • मौसम की स्थिति हवा की गुणवत्ता को और बिगाड़ रही है।
  • स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा बना हुआ है।

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति पहले से गंभीर थी, लेकिन रविवार को यह और भी बिगड़ गई। शहर में जहरीली धुंध की मोटी परत ने इसे घेर लिया, जिससे हवा खतरनाक स्तर तक दूषित हो गई और कई क्षेत्रों में देखने की क्षमता बहुत कम हो गई।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, रविवार सुबह सात बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 461 दर्ज किया गया। एक दिन पहले यह आंकड़ा 431 था। इससे स्पष्ट है कि राजधानी में वायु प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है।

दिल्ली के सभी 40 वायु गुणवत्ता जांच केंद्रों पर हवा को ‘गंभीर’ श्रेणी में पाया गया। कई क्षेत्रों में सूचकांक लगभग अधिकतम स्तर तक पहुंच गया। रोहिणी सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहा, जहां सूचकांक 499 दर्ज हुआ। इसके बाद बवाना में 498, विवेक विहार में 495, अशोक विहार और वजीरपुर में 493, नरेला में 492 और आनंद विहार में 491 रहा।

शहर के अन्य क्षेत्रों की स्थिति भी बेहद खराब बनी रही। आईटीओ में 485, मुंडका में 486, पंजाबी बाग में 478, नेहरू नगर में 476 और चांदनी चौक व ओखला में 470 सूचकांक दर्ज किया गया। इससे पूरे शहर में प्रदूषण की गंभीर स्थिति साफ झलकती है।

यह संकट केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कई शहरों में भी हवा बेहद प्रदूषित रही। नोएडा में सूचकांक 470 और गाजियाबाद में 460 दर्ज किया गया। गुरुग्राम में हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही, जहां सूचकांक 348 था। फरीदाबाद में स्थिति थोड़ी बेहतर रही, लेकिन वहां भी सूचकांक 220 दर्ज किया गया, जो चिंता का विषय है।

सुबह से ही घनी धुंध और कोहरे के कारण कई क्षेत्रों में देखने की क्षमता लगभग शून्य हो गई। इससे सुबह के समय लोगों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई।

कम दृश्यता के कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विशेष सावधानी के नियम लागू किए गए। हालांकि उड़ान संचालन जारी रहा, अधिकारियों ने कहा कि पायलट बदलते और खराब विजिबिलिटी की स्थिति के कारण सावधानी बरतते हुए प्रोटोकॉल के तहत काम कर रहे थे।

मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी कि रविवार सुबह हवाई अड्डे पर दृश्यता घटकर लगभग 100 मीटर तक जा सकती है, जो बाद में दिन में बढ़कर करीब 800 मीटर हो सकती है।

मौसम की स्थिर स्थिति, घना कोहरा और लगातार प्रदूषण के कारण हवा की क्वालिटी खराब होती जा रही है, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा बना हुआ है।

Point of View

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक है। यह केवल एक स्थानीय समस्या नहीं बल्कि देश की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा बन चुकी है। सरकार और नागरिकों को मिलकर इस संकट का सामना करना होगा।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुख्य कारण क्या हैं?
दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुख्य कारणों में औद्योगिक उत्सर्जन, वाहनों का धुआं, और निर्माण कार्य शामिल हैं।
स्मॉग से बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
स्मॉग से बचने के लिए मास्क पहनना, घर के अंदर रहना और एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।
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