बलंगा मामले में दोषी क्यों नहीं पकड़े गए?

सारांश
Key Takeaways
- ओडिशा सरकार पर लापरवाही का आरोप
- नाबालिगों के मामलों में त्वरित न्याय की आवश्यकता
- महिलाओं की सुरक्षा का बढ़ता खतरा
- राजनीतिक दखल और प्रशासनिक विफलता
- दोषियों की गिरफ्तारी की मांग
नई दिल्ली, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता अलका लांबा ने ओडिशा में एक 15 वर्षीय नाबालिग की दिल्ली एम्स में हुई दुखद मौत के बाद ओडिशा सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया।
अलका लांबा ने कहा, "ओडिशा प्रशासन और वहाँ की सरकार ने अब तक इस मामले के दोषियों को नहीं पकड़ा है। ऐसे में नाबालिग और उसके परिवार को इंसाफ कैसे मिलेगा? जब अपराधी ही गिरफ्त से बाहर हों, तो लड़की को इंसाफ कैसे मिलेगा?"
उन्होंने आगे कहा, "सरकार की अनदेखी और प्रशासन की लापरवाही के कारण अभी तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। हम सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए।"
प्रज्वल रेवन्ना को आजीवन कारावास और 10 लाख रुपए का जुर्माना सुनाए जाने पर उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री को पहले से प्रज्वल रेवन्ना के बारे में जानकारी थी, लेकिन जानबूझकर वे वोटिंग कैंपेनिंग में उसके लिए वोट मांगने पहुँचे। हालांकि, पार्टी के बड़े नेताओं ने उन्हें मना किया था, इसके बावजूद वह नहीं माने और उसके लिए कैंपेनिंग की।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस की न्याय यात्रा और राहुल गांधी के दखल के बाद यह मुद्दा उठाया गया और प्रज्वल रेवन्ना की गिरफ्तारी हुई। ऐसे मास रेपिस्ट को फांसी की सजा होनी चाहिए, इससे कम कोई भी सजा मान्य नहीं होनी चाहिए।"
वहीं, बीजू जनता दल (बीजद) नेता लेखाश्री सामंतसिंहर ने पुरी जिले के बलंगा की नाबालिग की दुखद मौत को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा सरकार पर कठोर आलोचना की।
बीजद नेता लेखाश्री सामंतसिंहर ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में एक disturbing चलन सामने आया है, "बेटी पढ़ाओ, बेटी जलाओ।" सरकार ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल साबित हुई है।
उन्होंने कहा, "ओडिशा में हर दिन महिलाओं के साथ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार और अपहरण के लगभग 15 मामले सामने आते हैं। अब, बालासोर हो या बलंगा, लड़कियों को जिंदा जलाने का एक भयावह पैटर्न सामने आ रहा है। दोनों ही घटनाओं में एक 15 वर्षीय लड़की की जान चली गई।"