क्या भारत-पाक मैच हमारे जवानों के बलिदान से महत्वपूर्ण है?, आदित्य ठाकरे ने उठाए सवाल

सारांश
Key Takeaways
- शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने बीसीसीआई के फैसले पर सवाल उठाया।
- उन्होंने पहलगाम हमले के शहीदों की याद दिलाई।
- आदित्य ठाकरे ने प्रधानमंत्री के बयान का हवाला दिया।
- बीसीसीआई की कमाई और बलिदान के बीच की तुलना।
- केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की।
मुंबई, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच के खिलाफ देश में लगातार विरोध की आवाजें उठ रही हैं। इस संदर्भ में, शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने भारत-पाक मैच को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बीसीसीआई से पूछा कि क्या यह खेल पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों और हमारे जवानों के बलिदान से अधिक महत्वपूर्ण है?
आदित्य ठाकरे ने केंद्रीय खेल मंत्री को संबोधित करते हुए बीसीसीआई से सवाल किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आज मैं एक बार फिर केंद्रीय खेल मंत्री को भेजे अपने पत्र की चर्चा कर रहा हूं। बीसीसीआई और पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने वालों से मेरा सीधा सवाल है। क्या यह खेल पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों और हमारे जवानों के बलिदान से ऊपर है? प्रधानमंत्री कहते हैं कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो बीसीसीआई की कमाई और भारतीयों का खून एक साथ क्यों बहता है?"
आदित्य ठाकरे ने 19 अगस्त को केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया को एक पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र में पूछा कि प्रधानमंत्री के 'खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते' के बयान के बावजूद बीसीसीआई के लिए खून और कमाई एक साथ बहाने का क्या मतलब है?
उन्होंने खेल मंत्री को पत्र भेजकर बीसीसीआई के पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के 'शर्मनाक' फैसले पर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की अपील की।
ठाकरे ने कहा, "एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक में पहलगाम हमले और पाकिस्तान से आए आतंकियों का अध्याय है, शायद बीसीसीआई अधिकारियों को पहले यह किताब पढ़नी चाहिए।"
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब भारत ने पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने के लिए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल भेजे, तो अब बीसीसीआई का पाकिस्तान के साथ खेलना क्या दर्शाता है? क्या इसके लिए भी प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा?