क्या हम भारतीय डाक को लॉजिस्टिक्स पावरहाउस में बदल सकते हैं? : ज्योतिरादित्य सिंधिया (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

Click to start listening
क्या हम भारतीय डाक को लॉजिस्टिक्स पावरहाउस में बदल सकते हैं? : ज्योतिरादित्य सिंधिया (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

सारांश

क्या भारतीय डाक को लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया जा सकता है? केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुसार, सरकार इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। जानिए इस बदलाव के पीछे की रणनीति और आंकड़े।

Key Takeaways

  • भारतीय डाक के पास 1,84,000 टच प्वाइंट्स हैं।
  • 46% से अधिक डिजिटल लेनदेन भारत में होते हैं।
  • डिजिटल इंडिया की 10 वर्षगांठ पर औद्योगिक क्रांति की तुलना।
  • लाभप्रदता, लागत-दक्षता और तकनीकी उन्नति पर ध्यान केंद्रित।
  • मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी की नियुक्ति से परिवर्तन को गति मिलेगी।

नई दिल्ली, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को बताया कि सरकार भारतीय डाक के संचालन को आधुनिक बनाने, लागत को सुव्यवस्थित करने और तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स इकोसिस्टम में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है।

राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्र प्रेस से डाक विभाग (डीओपी) में चल रहे सुधारों पर चर्चा करते हुए, सिंधिया ने कहा कि पिछले 12 महीनों में भारतीय डाक ने महत्वपूर्ण व्यावसायिक प्रक्रियाओं का पुनर्गठन किया है।

मंत्री ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "विभाग ने लाभप्रदता, लागत-दक्षता और तकनीकी उन्नति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए खुद को छह वर्टिकल और चार हॉरिजॉन्टल में पुनर्गठित किया है।"

उन्होंने आगे कहा कि हर बिजनेस लाइन के लिए लाभप्रदता को बढ़ाने और सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाने पर कार्य चल रहा है।

सिंधिया ने यह भी कहा, "इस परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए, हमने भारतीय डाक के इतिहास में पहली बार एक मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) की नियुक्ति की है।"

केंद्रीय मंत्री ने बताया, "यह इतिहास में पहली बार है कि पोस्टल डिपार्टमेंट में चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर को नियुक्त किया गया है। हर वर्टिकल के साथ एक डिप्टी चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (सीटीओ) को भी नियुक्त किया गया है। हम अपने कॉस्ट स्ट्रक्चर का विश्लेषण कर रहे हैं और प्रतियोगियों के साथ अपनी स्थिति की तुलना कर रहे हैं।"

उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय डाक के पास 1,84,000 टच प्वाइंट्स हैं, जो इसे एक लॉजिस्टिक्स पावरहाउस में बदलने का मुख्य कारण है।

इसके अतिरिक्त, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज विश्व के 46 प्रतिशत से ज्यादा डिजिटल लेनदेन भारत में होते हैं, जिनकी संख्या प्रतिवर्ष 1.7 बिलियन है। इन लेन-देन का मूल्य 3 ट्रिलियन डॉलर प्रतिवर्ष है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारत एक फॉलोवर नहीं, बल्कि डिजिटल लेनदेन में एक लीडर बन चुका है।

डिजिटल इंडिया के 10 वर्ष पूरे होने पर, उन्होंने इसे औद्योगिक क्रांति से जोड़ा, कहकर कि पिछले 10 वर्षों में देश में डिजिटल क्रांति हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस डिजिटल क्रांति की भविष्यवाणी की थी और इसके लिए एक रणनीति बनाई थी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय डाक का आधुनिकीकरण न केवल सेवा में सुधार करेगा, बल्कि यह देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। यह बदलाव सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकता है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय डाक का आधुनिकीकरण क्यों आवश्यक है?
आधुनिकीकरण से लागत में कमी आएगी और ई-कॉमर्स में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
सीटीओ की नियुक्ति का क्या महत्व है?
यह तकनीकी प्रगति को सुनिश्चित करेगा और विभाग की कार्यक्षमता को बढ़ाएगा।