क्या बिहार को महादलित आयोग और ओबीसी आयोग पीएम मोदी की देन है?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार तेज हो रहा है।
- मोहन यादव ने महादलित आयोग और ओबीसी आयोग की स्थापना का श्रेय पीएम मोदी को दिया।
- कांग्रेस पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया।
- बिहार का विकास और लोकतंत्र की रक्षा जरूरी है।
बेतिया, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार अब तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बगहा में आयोजित एक चुनावी सभा में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास और विश्वास के संकल्प पर आगे बढ़ते हुए कार्य कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस केवल परिवारवाद को बढ़ावा देने की राजनीति कर रही है। क्या एक ही परिवार से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनना उचित है?
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता से प्रेरणा लेते हुए गरीबों की सहायता के लिए सदैव तत्पर है। बदलते समय में बिहार भी बदल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्णिया में एयरपोर्ट का निर्माण कराया। बिहार में महादलित आयोग और ओबीसी आयोग भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार की देन हैं।
मोहन यादव ने कहा कि बिहार के लोगों का भगवान राम से एक विशेष संबंध है। सीतामढ़ी से माता सीता का नाम जुड़ता है। भगवान श्रीराम बिहार के दामाद हैं। श्रीराम और कृष्ण के नाम से ही भारत की पहचान है। कांग्रेस ने वर्षों तक श्रीराम के जन्म स्थान पर प्रश्न उठाए। उनकी पार्टी के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के विरोध में पक्ष रखा और निर्माण में बाधा डालने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण की उंगली पर सुदर्शन चक्र था, उसी प्रकार आज बिहार की जनता के हाथों में मतदान की शक्ति है। बिहार को विकास के रास्ते पर अग्रसर रखने, लोकतंत्र की रक्षा करने और प्रधानमंत्री मोदी को मजबूत बनाने के लिए बिहार के लोगों को इस वोट रूपी सुदर्शन चक्र का उपयोग करना चाहिए। इस विधानसभा चुनाव में बिहार से महागठबंधन को उखाड़ फेंकना है।