क्या भारत में दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक सभी को सहायता दे रही है सरकार? : राजकुमार सिंह

सारांश
Key Takeaways
- सरकार सभी जातियों और धर्मों के लोगों की सहायता कर रही है।
- राजकुमार सिंह ने ओवैसी के बयान का कड़ा जवाब दिया।
- संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए कदम उठाए जाएंगे।
पटना, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी द्वारा अल्पसंख्यकों पर दिए गए हालिया बयान पर बिहार राज्य के पर्यटन मंत्री राजकुमार सिंह ने कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पहले जब भारत का विभाजन हुआ, तब मुस्लिम अल्पसंख्यक थे, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है।
राजकुमार सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "भारत के विभाजन के समय निश्चित तौर पर यह धर्म के आधार पर हुआ। उस समय मुस्लिमों की अधिकतम संख्या पाकिस्तान चली गई। लेकिन आज हर प्रकार के अल्पसंख्यक, चाहे वह दलित, पिछड़ा या अन्य कोई हों, राज्य सरकार उनकी सहायता कर रही है। भारत में रहने वाले सभी जातियों और धर्मों के लोग सरकार की सहायता का लाभ उठा रहे हैं।"
पर्यटन मंत्री ने मुजफ्फरपुर में गरीब नाथ मंदिर में आयोजित एक सम्मान समारोह में भाग लिया। यहां परित समाज ने संस्कृत भाषा के उत्थान और संस्कृत बोर्ड के निर्माण की मांग को लेकर ज्ञापन पेश किया।
उन्होंने कहा, "मैं बिहार सरकार और उच्च अधिकारियों से इस मुद्दे पर चर्चा करूंगा और संस्कृत के विकास के लिए प्रधानमंत्री से मिलकर पुरोहितों के मानदेय और हर प्रखंड में संस्कृत विद्यालय की स्थापना के लिए भी बात करूंगा।"
उल्लेखनीय है कि एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरण रिजिजू के सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भारत के अल्पसंख्यक अब दूसरे दर्जे के नागरिक भी नहीं रह गए हैं। हम बंधक हैं। क्या अगवा कर बांग्लादेश में फेंक देना सुरक्षा है?