क्या बिहार में गोपाल खेमका की हत्या ने कानून व्यवस्था को चुनौती दी है?

सारांश
Key Takeaways
- गोपाल खेमका
- भाजपा का दावा है कि राज्य में कानून का राज है।
- नीतीश कुमार ने जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है।
- विपक्ष ने राज्य सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- बिहार में अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
नई दिल्ली, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना में उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या के मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि राज्य में कानून का राज है और किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में सुशासन स्थापित किया है।
शाहनवाज हुसैन ने मंगलवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा कि बिहार में कानून का राज है, और कोई भी अपराधी यदि अपराध करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। गोपाल खेमका की हत्या में शामिल एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि पुलिस ने एक अपराधी को मुठभेड़ में मार गिराया है। सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में अपराध के प्रति चुप नहीं रहने का संकल्प लिया है। बिहार सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है, और अपराधियों को यह समझ लेना चाहिए कि यदि वे कानून को अपने हाथ में लेंगे तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
बिहार में कानून-व्यवस्था पर राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवालों पर शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उन्हें इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए। लालू प्रसाद यादव के शासन में कांग्रेस का समर्थन था, और तब सरकार का अपराधियों से तालमेल था। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने अपराध और अपराधियों से कोई समझौता नहीं किया है।
उन्हें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह बिहार को बदनाम करने के लिए क्राइम ऑफ कैपिटल जैसे शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। ये बातें स्वीकार नहीं की जाएंगी। बिहार के लोगों ने लालू यादव के शासनकाल का जंगलराज देखा है। तेजस्वी यादव और राहुल गांधी के बयानों को माफ नहीं किया जा सकता। बिहार के लोगों को पता है कि नीतीश कुमार ने राज्य में सुशासन स्थापित किया है। अगर कोई आपराधिक घटना होती है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जाता है।
विपक्षी दलों के 9 जुलाई को चक्का जाम करने के ऐलान पर शाहनवाज हुसैन ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिसकी वैश्विक स्तर पर अच्छी छवि है। आयोग ने अब तक चुनाव सुचारू रूप से आयोजित किए हैं। हालांकि, राहुल गांधी अब अपनी हार के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा में हारने के बाद भी उन्होंने चुनाव आयोग को दोषी ठहराया। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए 200 से अधिक सीटें जीतेगा। इस बात से इंडी अलायंस चिंतित है। उनकी हार सुनिश्चित है। बिहार में एक भी वोटर का वोट नहीं काटा जाएगा। यदि 9 जुलाई को इंडी अलायंस के नेता विरोध-प्रदर्शन करने वाले हैं, तो इसका कोई असर नहीं होगा।