क्या बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी? मंत्री नरेंद्र कश्यप का दावा

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए की कार्यशैली से बिहार की जनता संतुष्ट है।
- पप्पू यादव की मोदी की तारीफ एनडीए की ताकत बढ़ाएगी।
- सुप्रीम कोर्ट का निर्णय मोदी सरकार के लिए सकारात्मक है।
- कांग्रेस नेता और तेजस्वी यादव के बीच मतभेद हैं।
- तेजस्वी यादव को कांग्रेस की बढ़ती ताकत का एहसास है।
लखनऊ, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री नरेंद्र कश्यप ने पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा किए जाने को बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए की संभावित जीत का संकेत बताया।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि बिहार की जनता वर्तमान में एनडीए के कार्यों से संतुष्ट है, जो आगामी चुनाव में एनडीए की जीत को सुनिश्चित करेगा। यदि पप्पू यादव जैसे नेता प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ कर रहे हैं, तो यह दर्शाता है कि हमारी सरकार ने बिहार में अच्छी कार्यवाही की है। बिहार की जनता एनडीए सरकार की भूमिका को समझने लगी है। एनडीए की जीत के रास्ते में कोई बाधा नहीं आएगी। पप्पू यादव की प्रधानमंत्री की प्रशंसा एनडीए की ताकत को बढ़ाएगी।
मंत्री नरेंद्र कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक्फ संशोधन कानून पर रोक लगाने से इनकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लाया गया वक्फ संशोधन कानून पूर्णतः सही है। इसमें कोई विसंगति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को एक प्रकार से मंजूरी दी है और कुछ सुधार संबंधी टिप्पणियाँ भी की हैं। केंद्र सरकार इस दिशा में आगे बढ़ेगी और इसे मोदी सरकार की 'जीत' के रूप में देखा जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दोनों के बीच खटास आई है, जिसका असर बिहार विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जो पहले एक साथ यात्रा कर रहे थे, अब तेजस्वी यादव अकेले यात्रा निकालने लगे हैं। इससे स्पष्ट है कि दोनों के बीच कुछ समस्याएं हैं।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को यह एहसास हो चुका है कि बिहार में कांग्रेस सत्ता का केंद्र बनती जा रही है, जिसे वे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। अगर बिहार में कांग्रेस मुख्य भूमिका निभाती है, तो तेजस्वी यादव की भूमिका गौण हो जाएगी।