क्या बिहार में कानून व्यवस्था को संभालने में एनडीए असफल हुई है? प्रमोद तिवारी

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।
- नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर सवाल उठाए गए हैं।
- भाजपा अपनी असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए विवाद पैदा कर रही है।
- हाईकोर्ट का फैसला दोनों पक्षों के लिए संतोषजनक है।
- कानून व्यवस्था को सुधारने की आवश्यकता है।
प्रयागराज, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने शुक्रवार रात को एक उद्योगपति की हत्या के मामले में नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। तिवारी ने कहा कि बिहार की कानून-व्यवस्था को संभालने में एनडीए सरकार पूरी तरह से असफल रही है।
शनिवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए, कांग्रेस सांसद तिवारी ने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठने का प्रमुख कारण यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हर मुद्दे पर उनके स्वास्थ्य का लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में, वहां एक भी दिन ऐसा नहीं गुजरता जब कोई आपराधिक घटना न हो।
उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वहां कोई ऐसी घटना न हो। जिस व्यक्ति की हत्या हुई है, वह एक प्रमुख व्यापारी था और पांच साल पहले उसके बेटे की भी हत्या की गई थी। यह हत्या उनके घर के सामने हुई, जहां से महज 50 मीटर की दूरी पर एक पुलिस स्टेशन है। मैं स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि बिहार में कानून-व्यवस्था को संभालने में नीतीश कुमार असफल रहे हैं।
महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर तिवारी ने कहा कि भाजपा अपनी असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए यह विवाद उठा रही है। भाजपा को यह बताना चाहिए कि उन्होंने चुनाव से पहले जो वादे किसानों और महिलाओं से किए थे, वे अब तक अधूरे क्यों हैं?
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद पर आए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर उन्होंने कहा कि मैं उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं। दोनों पक्षों ने अपनी बातें रखीं और कोर्ट ने सभी को सुना। इसके बाद फैसला दिया गया कि ईदगाह और मंदिर अपनी-अपनी जगह हैं। इससे किसी को भी कठिनाई नहीं होनी चाहिए। मैं इस निर्णय का स्वागत करता हूं।