क्या बिहार में निष्पक्ष मतदाता सूची और चुनाव संभव हैं? : ज्ञानेश कुमार

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं।
- मुख्य चुनाव आयुक्त ने निष्पक्ष चुनाव का आश्वासन दिया।
- मतदाता सूची का पुनरीक्षण आवश्यक है।
- राजनीतिक दलों के वादे महत्वपूर्ण हैं।
- पारदर्शिता से चुनाव कराना है।
फिरोजाबाद, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विभिन्न राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं और मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए कई वादे कर रहे हैं। पार्टियों के वरिष्ठ नेता लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं और जनसभाएं एवं रैलियां आयोजित कर रहे हैं। वहीं, राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस बीच, देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार शनिवार को यूपी के फिरोजाबाद जिले में पहुंचे, जहां उन्होंने कहा कि बिहार में निष्पक्ष मतदाता सूची और चुनाव होंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट करना अनिवार्य है। बिहार में 1 जनवरी 2003 को वोटिंग लिस्ट का गहन पुनरीक्षण हुआ था। उस समय जिन लोगों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल था, उनकी पात्रता की जांच की गई थी। नियमों के अनुसार, पात्रता के लिए आप भारत के नागरिक हों, आपकी उम्र 18 साल हो, और जिन पोलिंग बूथों के आसपास रहते हैं, वहां की वोटिंग लिस्ट में आपका नाम होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चुनावों के बाद चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों के साथ संपर्क करने का निर्णय लिया है, क्योंकि पहले कुछ पार्टियों ने वोटिंग लिस्ट पर सवाल उठाए थे। बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची बनाने को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों के जवाब में ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव, कानून और संविधान के अनुसार ही होंगे।
ज्ञानेश कुमार ने मतदाता सूची में नए नाम जोड़ने पर कहा कि जो भी भारतीय संविधान के मानकों में पात्रता रखता है, वो सभी वोटर होंगे, इसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। इसे लेकर सभी दलों से बातचीत जारी है। हम सभी शंकाओं को दूर कर पारदर्शी चुनाव कराएंगे।
जानकारी के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने फिरोजाबाद में माथुर वैश्य महासभा के सम्मान समारोह में भाग लिया, जहां समाज के लोगों ने उनका जोश से स्वागत किया।