क्या बिहार में पुलिसकर्मी ही बन गए चोर? तीन लाख रुपए बरामद, चार गिरफ्तार
सारांश
Key Takeaways
- पुलिसकर्मियों की संलिप्तता से कानून व्यवस्था पर सवाल उठता है।
- अपराधियों से सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने में पुलिस की भूमिका अहम है।
- तत्काल कार्रवाई के तहत पुलिस ने लूट का सामान बरामद किया।
- जांच में पुलिसकर्मियों की गड़बड़ी उजागर हुई।
- यह घटना जनता के विश्वास को प्रभावित कर सकती है।
मोतिहारी, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आमतौर पर पुलिस को आपराधिक गतिविधियों को रोकने की जिम्मेदारी दी जाती है, लेकिन जब रक्षक ही भक्षक बन जाए, तो आप क्या कहेंगे? ऐसा ही एक मामला बिहार के पूर्वी चंपारण जिले से सामने आया है, जहाँ चार पुलिसकर्मियों को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के अनुसार, गोविंदगंज थाना क्षेत्र के रढिया गाँव के एक स्वर्ण व्यवसायी को सस्ते आभूषण देने के नाम पर एक संगठित गिरोह ने शुक्रवार को बुलाया। जब व्यवसायी वहाँ पहुँचे, तो अपराधियों ने उनसे 19 लाख रुपए लूट लिए। व्यवसायी ने तुरंत इसकी सूचना अरेराज पुलिस को दी।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अरेराज डीएसपी के नेतृत्व में गोविंदगंज और संग्रामपुर थाना पुलिस ने मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज थाना क्षेत्र में छापेमारी की और लूट के गिरोह के सरगना के घर से 15 लाख रुपए, 10 ग्राम सोने जैसा धातु का बिस्किट एवं अन्य सामान बरामद किया। इसी बरामदगी के दौरान चार सिपाहियों ने मौके का फायदा उठाते हुए तीन लाख रुपए चुपचाप गायब कर दिए।
जब बरामद कुल रुपए की गिनती में गड़बड़ी का पता चला, तो अधिकारियों को पुलिसकर्मियों पर संदेह हुआ। जब कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उनकी संलिप्तता सामने आई। अरेराज के पुलिस उपाधीक्षक रवि कुमार ने शनिवार को बताया कि चारों सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया गया और उनके पास से पूरे तीन लाख रुपए भी बरामद कर लिए गए।
गोविंदगंज के थानेदार के आवेदन पर चारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। गिरफ्तार पुलिसकर्मियों में डीएसपी के बॉडीगार्ड ओम प्रकाश, संतोष कुमार, और संग्रामपुर थाना के सिपाही कृष्णा कुमार एवं गौतम कुमार शामिल हैं। अरेराज के डीएसपी ने बताया कि सभी दोषियों पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।