क्या बिहार में विपक्ष के नेता अपनी राजनीतिक जमीन खोज रहे हैं? - आरपी सिंह

सारांश
Key Takeaways
- विपक्ष अपनी राजनीतिक जमीन खोज रहा है।
- सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता पंजीकरण के लिए नए दस्तावेजों की बात की।
- कांग्रेस और आरजेडी चुनावी नैरेटिव की तलाश में हैं।
- आर.पी. सिंह ने भगवंत मान की टिप्पणी पर खेद जताया।
नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के मुद्दे पर राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में दिए गए निर्देशों के बाद से यह और भी स्पष्ट हो गया है कि विपक्ष अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने में जुटा है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने शुक्रवार को इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'विपक्ष अब नई रणनीति बनाने में लगा है।'
सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को आधार कार्ड, मतदाता फोटो पहचान पत्र और राशन कार्ड को मतदाता पंजीकरण के लिए मान्य दस्तावेजों के रूप में स्वीकार करने का निर्देश दिया। इस पर आर.पी. सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, 'यह जरूरी नहीं है कि ऐसा किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ विचार करने के लिए कहा है। असल में, आधार कार्ड निवास का प्रमाण नहीं है।' उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के पास पहले से ही आधार से संबंधित दस्तावेज मौजूद हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा, 'यहां असली मुद्दा यह है कि कांग्रेस और आरजेडी के पास चुनावी नैरेटिव नहीं है। हाल ही में राहुल गांधी ने एक गांव में जाकर महिलाओं से सवाल किए। जब उन्हें सकारात्मक जवाब मिले, तो उन्हें समझ में आ गया कि उनकी राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है। यही कारण है कि वे अब नई जमीन की तलाश में हैं।'
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा पर की गई टिप्पणी पर आर.पी. सिंह ने खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा, 'यह दुखद है कि भगवंत मान जैसे नेता कूटनीति पर बयान दे रहे हैं, जबकि उन्हें इसकी सही जानकारी नहीं है।'