क्या बिहार से युवा पलायन नहीं करते यदि नौकरियां दी जातीं? : अखिलेश प्रसाद सिंह
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में रोजगार की कमी
- युवाओं का पलायन
- महागठबंधन का वादा
- राजनीतिक स्थिति
- आवश्यक बदलाव
बेगूसराय, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि एनडीए सरकार ने पिछले 20 वर्षों में बिहार में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए होते, तो युवा अपने घरों को छोड़कर पलायन नहीं करते। आज जो स्थिति बिहार में है, वह शायद नहीं होती।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार में रोजगार की कमी है। इसलिए लोग मजदूरी करने और काम की तलाश में पलायन कर रहे हैं। यदि नौकरियां उपलब्ध होतीं, तो बिहार की यह स्थिति नहीं होती।
बिहार की कुछ विधानसभा सीटों पर राजद-कांग्रेस के उम्मीदवारों के चुनाव में भाग लेने पर उन्होंने कहा कि जिसे दुनिया फ्रेंडली फाइट समझ रही है, यहाँ ऐसा कुछ नहीं है।
कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि बेगूसराय में यह भीड़ यह दिखाती है कि बिहार बदलाव चाहता है और भारत में बदलाव की शुरुआत बिहार से हो चुकी है।
पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने कहा कि आपको केवल मोकामा का नहीं, बल्कि पूरे बिहार का माहौल जानना चाहिए। मोकामा के लोगों से पूछिए, बिहार के माहौल के बारे में पूछिए। पूरे बिहार के युवा तय कर चुके हैं कि जो उन्हें भविष्य देगा, वे उसके साथ खड़े होंगे।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रविवार को बेगूसराय में चुनावी सभा को संबोधित किया, जबकि महागठबंधन की ओर से सीएम पद के चेहरे तेजस्वी यादव ने मोकामा में चुनावी सभा को संबोधित किया।
राहुल गांधी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार चाहते हैं कि बिहार के लोग देशभर में मजदूरी करें। यदि बिहार के लोगों का देश को बनाने में योगदान है, तो वे बिहार को क्यों नहीं सुधार सकते? बिहार को बेहतर बनाने के लिए महागठबंधन की सरकार लाना आवश्यक है।
दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि यदि महागठबंधन की सरकार बनती है, तो जो काम एनडीए ने 20 वर्षों में नहीं किया, वह काम 20 महीनों में करके दिखाएंगे। उन्होंने 18 नवंबर को शपथ लेने का भी दावा किया है।