क्या भाजपा चुनाव आयोग की तरफ से बैटिंग कर रही है?: इमरान मसूद

सारांश
Key Takeaways
- विशेष गहन पुनरीक्षण का मुद्दा बिहार में गर्माया हुआ है।
- कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- मंदिर-मस्जिद विवाद पर भी कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाए हैं।
- अमेरिका का पाकिस्तान के साथ रिश्ता भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
नई दिल्ली, १२ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मुद्दा गर्म हो गया है। 'इंडिया' ब्लॉक के सांसदों ने सोमवार को इसके खिलाफ संसद भवन से निर्वाचन आयोग के कार्यालय तक मार्च निकालने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया और हिरासत में ले लिया। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने मंगलवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा निर्वाचन आयोग की ओर से बैटिंग कर रही है।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "चुनाव आयोग पर उठाए गए हर प्रश्न का उत्तर भारतीय जनता पार्टी दे रही है। क्या भाजपा चुनाव आयोग की प्रवक्ता बन गई है? दोनों में गहरे संबंध हैं। ऐसा नहीं है तो भाजपा क्यों फ्रंटफुट पर खेल रही है? हमारी लड़ाई चुनाव आयोग से है और हम उनसे सवाल कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग से हमारे प्रश्न स्पष्ट हैं। चुनाव आयोग ने जो दस्तावेज हमें दिए, उसमें हम झूठ पकड़कर उसे जनता के सामने रख चुके हैं। अब गेंद चुनाव आयोग के पाले में है, लेकिन आयोग की ओर से भाजपा बैटिंग कर रही है। ऐसे में दोनों का गठजोड़ स्पष्ट है।"
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मंदिर-मस्जिद विवाद पर कांग्रेस नेता ने सरकार पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "यह उनका एजेंडा है। अगर सामने कोई दूसरा होता, तो गोलियां चलतीं, लेकिन अगर उनकी विचारधारा के लोग हों, तो वे समझौता करके मामले को शांत करते हैं। कुछ लोग धर्मस्थल के अंदर जाकर तोड़-फोड़ कर रहे हैं और पुलिस हाथ जोड़कर लोगों को बाहर निकाल रही है। यह क्या तमाशा है? वे ऐसी नफरतों को कहां ले जाएंगे?"
उन्होंने अमेरिका द्वारा बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) को आतंकवादी संगठन घोषित करने पर कहा, "पाकिस्तान खुद आतंकवादी है। ऐसे में अमेरिका सबसे बड़े आतंकवादी को संरक्षण दे रहा है। आईएमएफ से लोन दे रहा है। ऐसे में अमेरिका आतंकवाद की बात क्यों कर रहा है? गाजा में नरसंहार हो रहा है, लेकिन अमेरिका उस पर एक शब्द नहीं बोलता।"