क्या भाजपा कोगिलु डिमोलिशन मुद्दे पर राजनीति कर रही है?: जी. परमेश्वर
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा और विपक्ष के बीच कोगिलु डिमोलिशन मुद्दे पर तकरार है।
- जी. परमेश्वर ने गरीबों की भलाई की बात की है।
- सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाया है।
- विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दिया गया है।
- राजनीतिक मुद्दों के रूप में गरीबों के लाभ को देखना उचित नहीं है।
बेंगलुरु, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक में भाजपा नेताओं द्वारा कोगिलु डिमोलिशन स्थल का दौरा करने पर राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि नेताओं को साइट देखने की अनुमति दी जाए और जो सुझाव देना है, वो सरकार को दें। यदि वे इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहते हैं, तो हम पूरी तरह तैयार हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जब भी किसी गरीब को घर या किसी लाभ की सुविधा दी जाती है, तो विपक्ष हमेशा सवाल उठाता है और ऐसे मुद्दे खड़े करता है। ऐसा लगता है कि वे गरीबों और जरूरतमंदों की भलाई नहीं चाहते।
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि जिन लोगों ने अवैध तरीके से जमीन पर कब्जा किया, उन्हें हटाना सही था, लेकिन सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान की है। इसमें गलत क्या है? सरकार ने पूरी कोशिश की है कि गरीब और जरूरतमंद लोग नुकसान न उठाएं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा इसी तरह की बातें करता है जब किसी गरीब को सुविधा दी जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ने गरीबों की भलाई के लिए कई कदम उठाए हैं।
सरकार की नीतियां मानवीय दृष्टिकोण पर आधारित हैं। जिन लोगों ने अवैध कब्जा किया, उन्हें हटाना जरूरी था, लेकिन सरकार ने उनकी मदद भी की है। उन्होंने साफ कहा कि इस मामले में जो भी सुझाव देना है, विपक्ष दे सकता है, लेकिन राजनीतिक बनाना सही नहीं है। गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए सरकार हमेशा प्रतिबद्ध है।
इसके अलावा, परमेश्वर ने विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कभी-कभी ऐसे बयान भी आते हैं कि बाहरी लोग या पाकिस्तान से लोग आए हैं, लेकिन ऐसा बयान देना जिम्मेदार नेताओं के लिए उचित नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार गरीबों और पीड़ितों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहती है और कोई भी उन्हें इस काम से रोक नहीं सकता।