क्या चुनाव आयोग प्रजातंत्र को खत्म करने में लगा है? : प्रियंका चतुर्वेदी

सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप।
- गरीबों को वोटर लिस्ट से बाहर करने की योजना।
- संविधान के उल्लंघन के आरोप।
- सुप्रीम कोर्ट की संभावित भूमिका।
- सत्ता
मुंबई, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में चुनाव आयोग के मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण अभियान पर शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी आपत्ति व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग, भाजपा के साथ मिलकर प्रजातंत्र को समाप्त करने की दिशा में कार्य कर रहा है।
गुरुवार को राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में, शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा कि मतदाता सत्यापन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड को बाहर रखकर आयोग एक षड्यंत्र रच रहा है। इसका उद्देश्य गरीबों और वंचितों को मतदान सूची से बाहर करना और अपने अनुसार नए मतदाताओं को शामिल करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से चुनाव आयोग संविधान की धज्जियां उड़ा रहा है और भाजपा को प्रजातंत्र को खत्म करने में सहायता कर रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आयोग ने जो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान किया, वही अब बिहार में दोहराया जा रहा है। विपक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ध्यान देगा और वोटर लिस्ट के मेगा वेरिफिकेशन ड्राइव पर रोक लगाई जाएगी।
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी भारत को विदेशी दौरे से मिले लाभों को संसद में रखेंगे। मैं पीएम मोदी को 17 विदेशी संसदों को संबोधित करने के रिकॉर्ड पर बधाई देना चाहती हूं। मुझे उम्मीद है कि हमारे सांसदों को भी संबोधित करेंगे और सत्तारूढ़ दल से हमारी अपेक्षाओं, सवालों और आशाओं को पूरा करेंगे।
उन्होंने शिवसेना विधायक संजय गायकवाड के मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि आप मारपीट कर सकते हैं, और आपको खुली छूट है। आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। कैंटीन में 10 समस्याएं हो सकती थीं, लेकिन जिस तरह से यह हुआ, उससे यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र की राज्य सरकार केवल सत्ता में रहना चाहती है और जनता के प्रति उनका कोई योगदान नहीं है।