क्या शारदा यूनिवर्सिटी में छात्रा की आत्महत्या के बाद हालात बिगड़ रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- शारदा यूनिवर्सिटी में आत्महत्या की घटना के बाद तनावपूर्ण माहौल।
- पुलिस की तैनाती और निलंबन के कदम उठाए गए।
- छात्रों ने कैंडल मार्च निकालने का निर्णय लिया।
- यूनिवर्सिटी का प्रशासन छात्रों की भावना का सम्मान कर रहा है।
- जांच समिति का गठन किया गया है।
ग्रेटर नोएडा, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बीडीएस की एक छात्रा द्वारा आत्महत्या करने के बाद शारदा यूनिवर्सिटी में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। यूनिवर्सिटी परिसर और इसके आस-पास सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
छात्रों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने कई जरूरी कदम उठाए हैं। अब तक पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। इनमें से दो शिक्षकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, जबकि डीन और एचओडी समेत तीन अन्य शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि निलंबित शिक्षक कैंपस में प्रवेश नहीं कर सकते। उन्हें नोटिस भेजा गया है और उनकी जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया गया है। सभी संबंधित शिक्षकों को तब तक यूनिवर्सिटी से दूर रहने को कहा गया है जब तक कि जांच पूरी नहीं हो जाती।
छात्र समुदाय में भारी गुस्सा देखने को मिल रहा है। सोमवार और मंगलवार को प्रस्तावित परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। छात्रों ने सोमवार को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया था, जिसे प्रशासन और पुलिस ने बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण ढंग से निपटा लिया। फिर भी, छात्रों ने शाम को कैंडल मार्च निकालने का निर्णय लिया है, जो पीड़िता को श्रद्धांजलि देने और न्याय की मांग के लिए होगा।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि वे छात्रों की भावनाओं का सम्मान करते हैं और उनकी सभी बातों को गंभीरता से लिया जा रहा है। अजीत कुमार, डायरेक्टर (पीआर), शारदा यूनिवर्सिटी ने कहा, "हम इस घटना से बहुत दुखी हैं। यूनिवर्सिटी हर संभव सहयोग कर रही है और जांच में पूरा सहयोग दिया जा रहा है। छात्रों की सुरक्षा और न्याय हमारी प्राथमिकता है।"