क्या चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाना सही है? युवा सड़क पर आएंगे तो दिक्कत होगी: राजेश ठाकुर

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क्या चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाना सही है? युवा सड़क पर आएंगे तो दिक्कत होगी: राजेश ठाकुर

सारांश

क्या चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए गए सवाल सही हैं? बिहार विधानसभा चुनाव की हार के बाद राजेश ठाकुर का बयान और युवाओं की संभावित प्रतिक्रिया। जानें इस मुद्दे के पीछे की सच्चाई और क्या हो सकता है अगला कदम।

Key Takeaways

  • बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद महागठबंधन की चिंताएं।
  • युवाओं का आक्रोश बढ़ सकता है।
  • चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

रांची, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद महागठबंधन द्वारा चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। झारखंड से कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने कहा कि अगर युवा सड़क पर आ गए तो संभालना मुश्किल हो जाएगा।

रांची में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में राजेश ठाकुर ने कहा कि जिस तरह के परिणाम बिहार विधानसभा चुनाव में आए हैं, हमने स्वीकार किया है। लेकिन, चुनाव में दोनों डिप्टी सीएम के वोट को देखेंगे तो बराबर वोट मिले हैं, इससे संदेह पैदा होता है। जबकि, निर्दलीय उम्मीदवार को एक भी वोट नहीं मिला। यह संदेह पैदा कर रहा है। इस तरह के संदेह से आक्रोश पैदा होता है, यकीनन जेन जी में आक्रोश पैदा होगा और वह निश्चित रूप से सामने आएगी।

चुनाव में हार की वजहों को लेकर सभी लोग बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं और यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि किस क्षेत्र में किसने किसे वोट दिया। एक बार जब ये सारी जानकारी एकत्र हो जाएगी, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि कितनी असमानताएं और अनियमितताएं थीं। मैं यह इसलिए भी कह रहा हूं क्योंकि चुनाव आयोग मूकदर्शक बना हुआ है। आयोग दावा करता है कि सब कुछ ठीक है और चुनाव सही ढंग से संपन्न हुए, लेकिन जब कोई अंधा हो, तो उसे सब कुछ ठीक ही लगेगा। उदाहरण के लिए, चुनाव के दौरान महिलाओं के बैंक खाते में 10 हजार रुपए की सहायता राशि दी गई। आयोग को यह उल्लंघन नजर नहीं आया।

कांग्रेस नेता ने पूछा कि आयोग की ओर से क्या कार्रवाई हुई? चुनाव आयोग का क्या उद्देश्य है?

चुनाव आयोग का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने कहा कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष होना चाहिए। सभी जानते हैं कि एक निष्पक्ष चुनाव आयोग देश के लिए बेहद जरूरी है, जो न सिर्फ जानकारी देता है, बल्कि महत्वपूर्ण मामलों का संज्ञान भी लेता है। मौजूदा चुनाव आयोग सिर्फ जानकारी दे रहा है, लेकिन जिन मामलों पर उसे ध्यान देना चाहिए था, उन पर ध्यान देने में पिछड़ रहा है। चुनावी धांधली के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, फिर भी चुनाव आयोग सिर्फ चुनाव खत्म होने और एनडीए सरकार बनने का इंतजार करता रहा है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना लोकतंत्र की रीढ़ है। यदि चुनाव आयोग पर सवाल उठाए जा रहे हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए एक गंभीर संकेत है। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पक्षों की आवाज सुनी जाए और चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धांधली को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
NationPress
18/11/2025

Frequently Asked Questions

राजेश ठाकुर ने क्या कहा?
राजेश ठाकुर ने कहा कि अगर युवा सड़क पर आएंगे, तो स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा।
चुनाव आयोग की भूमिका क्या है?
चुनाव आयोग का काम निष्पक्ष चुनाव कराना और चुनावी प्रक्रिया की निगरानी करना है।
महागठबंधन ने चुनाव आयोग पर क्यों सवाल उठाए?
महागठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।
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