क्या चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है? : ईश्वर खंड्रे

सारांश
Key Takeaways
- ईश्वर खंड्रे ने चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।
- राहुल गांधी को नोटिस जारी करना अनुचित है।
- चुनाव आयोग की स्वायत्तता सवालों के घेरे में है।
- लोकतंत्र की रक्षा के लिए कांग्रेस पार्टी तैयार है।
- विपक्ष का काम सरकार की गलत नीतियों को उजागर करना है।
बीदर, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक सरकार के वन और पर्यावरण मंत्री ईश्वर खंड्रे ने शनिवार को चुनाव आयोग पर तीखा आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर कार्य कर रहा है। उन्होंने राहुल गांधी को नोटिस जारी करने की कार्रवाई की कड़ी निंदा की।
खंड्रे ने बताया कि यह एक स्वायत्त संस्था का विपक्ष के नेता से सबूत मांगना न केवल अनुचित है, बल्कि यह लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों पर प्रश्न उठाता है।
उन्होंने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, "विपक्ष का नेता देश में 'प्रधानमंत्री की परछाई' की तरह होता है। उन्हें संसद में जनता की आवाज उठाने और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने का पूरा अधिकार है, लेकिन चुनाव आयोग सत्तारूढ़ दल के दबाव में कार्य कर रहा है, जिससे उनकी स्वायत्तता पर संदेह उत्पन्न हो रहा है।"
खंड्रे ने कहा कि आयोग का यह रवैया निष्पक्षता और पारदर्शिता के सिद्धांतों के खिलाफ है, जिससे जन सामान्य का भरोसा कम हो रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग 'भाजपा के एजेंट' के रूप में कार्य कर रहा है। उनका कहना था, "लोगों का चुनाव आयोग पर जो विश्वास था, वह अब समाप्त हो रहा है। यह आयोग के भविष्य के लिए शुभ नहीं होगा। देश में संविधान और लोकतंत्र सर्वोच्च हैं और कांग्रेस पार्टी इनकी रक्षा के लिए किसी भी प्रकार का बलिदान देने को तैयार है। हम संविधान को कमजोर करने की किसी भी कोशिश को विफल करेंगे।"
उन्होंने राहुल गांधी के बयानों का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्ष का कर्तव्य सरकार की गलत नीतियों को उजागर करना और जनता के हितों की रक्षा करना है। यदि विपक्ष के नेता अपनी बातें नहीं रखेंगे, तो लोकतंत्र का क्या अर्थ रह जाएगा?