क्या कांग्रेस के पास अब जनता का समर्थन नहीं बचा है?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप
- चुनाव आयोग की स्वायत्तता
- कांग्रेस की हार के लिए बहाने
- दिल्ली की आप सरकार का भ्रष्टाचार
- भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच का समर्थन
नई दिल्ली, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कांग्रेस द्वारा चुनाव आयोग पर उठाए गए सवालों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस के पास अब जनता का समर्थन नहीं है और वह अपनी हार के लिए बहाने ढूंढ रही है।
मल्होत्रा ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि 2014 से पहले की कांग्रेस सरकारों का इतिहास घोटालों से भरा हुआ है। उन्होंने उल्लेख किया कि कांग्रेस शासनकाल में कोलगेट, बोफोर्स और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे बड़े घोटाले सामने आए। तब की कांग्रेस सरकारों पर हर कुछ महीनों में भ्रष्टाचार के आरोप लगते थे, जिनमें तत्कालीन प्रधानमंत्री भी शामिल थे। इसलिए, जनता ने कांग्रेस को बार-बार नकारा है।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस अब मतदाता सूची में गड़बड़ी और चोरी जैसे लचर बहाने बना रही है, जबकि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, जैसे तेलंगाना, वहां वह चुनाव आयोग पर सवाल क्यों नहीं उठाते?
उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस को अपनी हार का डर सता रहा है। एनडीए की सरकार बनने की संभावनाओं को देखते हुए कांग्रेस पहले से ही हार के लिए बहाने तैयार कर रही है। चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है, जो निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करती है।
विपक्ष के सवालों को मनगढ़ंत और हार का आधार बनाने की कोशिश बताते हुए मल्होत्रा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भ्रष्टाचार किया है, उन्हें इसका परिणाम भुगतना होगा। यदि कोई निर्दोष है, तो उसे डरने की आवश्यकता नहीं है।
हर्ष मल्होत्रा ने दिल्ली की पूर्व आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि आप सरकार ने पिछले 10 वर्षों में सिर्फ भ्रष्टाचार किया। उन्होंने उल्लेख किया कि आप नेताओं ने शराब घोटाले की नीति को वापस लेने का कोई ठोस जवाब नहीं दिया।
उन्होंने दिल्ली में आप सरकार द्वारा बनाए गए मोहल्ला क्लीनिकों पर भी सवाल उठाए और कहा कि कोविड काल में जब लोगों को इन क्लीनिकों की सबसे ज्यादा आवश्यकता थी, तब वहां न तो डॉक्टर थे, न पैरामेडिकल स्टाफ और न ही दवाइयाँ। सरकार ने 1,000 मोहल्ला क्लीनिक बनाने का दावा किया, लेकिन केवल 200-250 ही बनाए गए, जिनमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। उन्होंने आप सरकार के समय के सीसीटीवी और स्वास्थ्य ढांचे से जुड़े घोटालों की जांच का स्वागत किया और कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) निष्पक्ष तरीके से इन मामलों की जांच कर रहा है।